अदाणी ग्रुप के हेल्थ केयर डिपार्टमेंट में पिछले चार साल से योग प्रशिक्षक के रूप में कार्यरत स्मिता कुमारी ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है. स्मिता ने 3 घंटे 10 मिनट और 12 सेकेंड तक समकोणासन (Center Split) में रहकर यह रिकॉर्ड अपने नाम किया. यह रिकॉर्ड उन्होंने अहमदाबाद में बनाया है. इसके लिए उन्हें गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की टीम की ओर से प्रमाण पत्र दिया गया, जो कि अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने उन्हें सौंपा है.
इस रिकॉर्ड से उत्साहित स्मिता ने कहा, "यह मेरे लिए एक रोमांचक क्षण था. मेरी इस उपलब्धि के बारे में हमारे हेल्थकेयर विभाग के हेड डॉक्टर पंकज कुमार दोषी ने चेयरमैन (गौतम अदाणी) को बताया और उन्होंने मुझे यह सर्टिफिकेट सौंपा. अदाणी ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर राजेश अदाणी और मैनेजिंग डायरेक्टर (एग्रो, ऑयल और गैस) और अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड के डायरेक्टर प्रणव अदाणी जैसे दिग्गजों से मिलने का भी मौका मिला, जिनके साथ मैंने योग को करियर ऑप्शन चुनने, इस इवेंट के लिए तैयारी के दौरान आने वाली चुनौतियों और उनसे निपटने को लेकर विस्तार से चर्चा की."
समकोणासन सीखने, दक्ष होने और इसे बनाए रखने के लिहाज से एक बेहद मुश्किल मुद्रा है. इसमें भी बैले, डांस, जिम्नास्टिक और मार्शल आर्ट्स की तरह विशेषज्ञता हासिल करने के लिए एक आवश्यक दिनचर्या होनी चाहिए. रांची की रहने वाली स्मिता ने इस मुश्किल योग आसन में वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है.
स्मिता ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए आवेदन करने का फैसला पिछले साल किया था. वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की तैयारी करने के दौरान स्मिता को रजिस्ट्रेशन, पेपरवर्क और फीस को लेकर कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा.
स्मिता ने कहा कि Adani Sportsline उनकी मदद के लिए आगे आई. अदाणी स्पोर्ट्सलाइन टीम के साथ ही इन हाउस फिजियोथेरेपिस्ट और डाइटीशियन ने भी इवेंट तक के लिए मेरी मदद की. साथ ही स्मिता ने कहा कि उन्हें अपने सहकर्मियों से भी मदद मिली.
स्मिता साल 2019 में एक प्रोफेशनल योगा इंस्ट्रक्टर के रूप में AEL से जुड़ीं. उन्होंने बताया, "जैसे योग को मैंने कभी अपना लक्ष्य नहीं माना था, वैसे ही अहमदाबाद आने के बारे में भी मेरी कोई योजना नहीं थी. यह कदम मेरे लिए जीवन बदलने वाला अनुभव रहा. मुझे अपने सहयोगियों में भी एक परिवार मिला."
29 वर्षीय स्मिता को इस मुकाम को पाने के लिए कई चुनौतियों का सामना करते हुए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी. आसन में कुशलता पाने के लिए वह घंटों तक अभ्यास करती हैं. स्नातक स्तर की पढ़ाई के बाद उन्होंने उत्तराखंड के देव संस्कृति विश्वविद्यालय से Applied Yoga and Human Science में मास्टर डिग्री हासिल की, जहां उन्हें गोल्ड मेडल मिला. यह उनकी जिंदगा का टर्निंग प्वाइंट था.
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