यस बैंक घोटाला केस : DHFL के अध्‍यक्ष और एमडी को सुप्रीम कोर्ट से राहत, डिफॉल्ट जमानत रहेगी बरकरार

दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक कपिल वधावन और धीरज वधावन के खिलाफ धोखाधड़ी और कुप्रबंधन के कई मामलों की जांच की जा रही है.

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प्रतीकात्‍मक फोटो
नई दिल्‍ली:

यस बैंक घोटाला मामले में दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक कपिल वधावन और धीरज वधावन  को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है. दोनों की डिफॉल्ट जमानत बनी रहेगी. सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला प्रवर्तन निदेशालय (ED) के लिए झटका है. सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि यदि रिमांड के 61वें/91वें दिन तक चार्जशीट दायर नहीं की जाती है, तो अभियुक्त डिफ़ॉल्ट जमानत का हकदार हो जाता है. बता दें, सितंबर 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने  यस बैंक धोखाधड़ी मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा कपिल और धीरज वधावन को दी गई डिफॉल्ट जमानत पर रोक लगा दी थी.  दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक कपिल वधावन और धीरज वधावन के खिलाफ धोखाधड़ी और कुप्रबंधन के कई मामलों की जांच की जा रही है. यस बैंक के सह-संस्थापक, राणा कपूर के खिलाफ दर्ज धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में वधावन, उनके संकटग्रस्त डीएचएफएल के साथ-साथ सह-आरोपी भी हैं. 

बॉम्‍बे हाईकोर्ट ने दी थी 'डिफ़ॉल्ट' जमानत

इससे पहले वधावन बंधुओं को 'डिफ़ॉल्ट' जमानत देते हुए, बॉम्बे हाईकोर्ट ने उन्हें निर्देश दिया कि वे अपने पासपोर्ट जमा करें और ज़मानत के रूप में प्रत्येक को 1 लाख रुपये जमा करें. गिरफ्तारी के बाद अनिवार्य 60 दिनों की अवधि के भीतर वधावन बंधुओं के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की विफलता का हवाला देते हुए डिफ़ॉल्ट जमानत दी गई थी. सुनवाई के दौरान ईडी के वकील ने दलील दी थी कि वधावन बंधुओं की गिरफ्तारी के 58वें दिन एजेंसी ने चार्जशीट के बारे में एक ईमेल भेजा था. 14 मई 2020 को मनी-लॉन्ड्रिंग के आरोप में ईडी द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद आरोपियों ने बॉम्बे हाईकोर्ट से इस आधार पर जमानत मांगी थी कि ईडी निर्धारित 60 दिनों की अवधि के भीतर चार्जशीट दाखिल करने में विफल रहा है 

यस बैंक द्वारा दिए गए संदिग्ध ऋणों से जुड़ा है मामला

वधावन बंधुओं ने एचसी के समक्ष तर्क दिया कि ईडी ने समय सीमा के एक दिन बाद - 15 जुलाई को - उनके साथ-साथ यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर, उनकी पत्नी बिंदू कपूर और उनकी बेटियों रोशनी और रेखा के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी. ईडी ने मामले में अपनी जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा  7 मार्च 2020 को मामले में अपनी पहली सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज करने के बाद शुरू की. यस बैंक द्वारा दिए गए संदिग्ध ऋणों और कथित रूप से रिश्वत देने के मामले में कपूर और वधावन के बीच लेन देन का आरोप लगाया गया. ईडी ने अपनी चार्जशीट में दावा किया है कि डीएचएफएल के तत्कालीन गैर-कार्यकारी निदेशक धीरज वधावन वधावन समूह की 44 कंपनियों के मालिक थे और वधावन समूह के रियल एस्टेट कारोबार के कार्यों का प्रबंधन भी करते थे.

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