घर का सपना क्या कभी होगा पूरा? सालों से इंतजार कर रहे 'आम्रपाली' के मकान खरीदार

आम्रपाली समूह के मालिक अनिल शर्मा की जमानत याचिका खारिज, हजारों लोगों को नहीं मिला घर, उन पर ईएमआई के साथ किराये का भी बोझ

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प्रतीकात्मक फोटो.
नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर के बड़े बिल्डर आम्रपाली समूह के मालिक अनिल शर्मा की जमानत याचिका खारिज कर दी है. कोर्ट ने कहा कि अनिल शर्मा ने हजारों घर खरीदारों के पैसे खाए हैं, उनके साथ कोर्ट की कोई सहानुभूति नहीं है. अनिल शर्मा तो जेल में हैं पर आम्रपाली के 44000 से ज्यादा घर खरीदार किस हालात मे हैं? NDTV ने इस ग्राउंड रिपोर्ट के जरिए यह जानने की कोशिश की.

खंडहर बने पड़े आम्रपाली के “वेरोना हाइट्स” प्रोजेक्ट को देखने के लिए 37 साल के दीपांकर हर हफ्ते आते हैं. उन्होंने 2012 में इस प्रोजेक्ट में दो बेडरूम का फ्लैट बुक कराया था. आम्रपाली ने वादा किया था कि 2014 में फ्लैट मिल जाएगा लेकिन 9 साल गुजर गए, फ्लैट तो दूर की बात है अभी तक उनके फ्लैट की छत तक नहीं पड़ी है. वे 9 साल से बैंक की ईएमआई भर रहे हैं और घर का किराया भी.

दीपांकर कुमार ने बताया कि, ''इस आलीशान बिल्डिंग में हमने अपने सपने का घर बुक कराया था. आप देख रहे हैं आज 12 साल हो गए कभी धरना दे रहे हैं, कभी कोर्ट जा रहे हैं.. वह तो भला हो सुप्रीम कोर्ट का कि NBCC को बोलकर कुछ बन रहा है. हम पर रेंट और ईएमआई, दोनों की मार पड़ रही है.''

आम्रपाली के लेजर वेली प्रोजेक्ट में घर खरीदारों से न्यूयार्क जैसे विला बनाकर देने का वादा किया गया था, लेकिन न्यूयार्क तो छोड़िए, यहां तो किसी दूरदराज के गांव से भी बुरे हालात हैं. न बिजली कनेक्शन है और न सीवर लाइन. जिन लोगों ने यहां घर लिया वे खून के आंसू रो रहे हैं.

न बिजली कनेक्शन है न सीवर लाइन

घर ख़रीदार रेणु त्यागी बताती हैं कि, ''हमने एक करोड़ चालीस लाख दिए. बोला वर्ल्ड क्लॉस विला देंगे, पर न यहां बिजली कनेक्शन है न सीवर लाइन. हमने बड़ी गलती कर दी यहां आकर. कई-कई दिन बिजली नहीं आती. अनिल शर्मा को तो जेल में ही रहना चाहिए.''

घर ख़रीदार शिशिर ने कहा, ''हम यहां अंडर कंस्ट्रक्शन सोसाइटी में रह रहे हैं. अभी तक रजिस्ट्री नहीं हुई.''

पैसे लेकर घर न देने और करोड़ों के गबन के आरोप में आम्रपाली के प्रमोटर अनिल शर्मा 2019 से जेल में हैं. आम्रपाली के नोएडा और ग्रेटर नोएडा में कुल 15 प्रोजेक्ट हैं. इनमें से 10 प्रोजेक्टों में 90 प्रतिशत खरीदार रह रहे हैं. पांच प्रोजेक्टों में अब भी निर्माण चल रहा है. सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सरकार का बड़ा PSU NBCC फ्लैट बना रहा है. 

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आम्रपाली के 44,000 से ज्यादा घर खरीदार हैं. इनमें से अब तक सिर्फ 14000 को घर मिले हैं. 30,000 लोग अब भी कोर्ट और प्रशासन के चक्कर काट रहे हैं.

सैकड़ों लोगों ने अपनी पूरी जमा पूंजी लगा दी

याचिकाकर्ता और NEFOWA के अध्यक्ष अभिषेक कुमार ने कहा, ''इन्होंने पूरे नोएडा ग्रेटर नोएडा में 2011-12 में यह सारे प्रोजेक्ट लॉन्च किए थे. कहा था कि दो साल में घर दे देंगे. 2013 तक इनके सारे प्रोजेक्ट सोल्ड आउट थे. 2016 तक लोगों ने इंतज़ार किया फिर प्रदर्शन शुरू किया. फिर हम 2017 में सुप्रीम कोर्ट गए और 2018 में (अनिल शर्मा) गिरफ्तार हुआ. सैकड़ों लोग हैं जिन्होंने पूरी जमा पूंजी लगा दी. कितने तो मर भी गए.''

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ग्रेटर नोएडा वेस्ट में पिछले 22 हफ्तों से हर रविवार को घर खरीदार घर देने और और रजिस्ट्री की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. रजिस्ट्री न होने की सबसे बड़ी वजह यह है कि बिल्डर नोएडा-ग्रेटर नोएडा अथारिटी का बकाया नहीं चुका रहे हैं. लेकिन प्रदर्शन के बावजूद समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है.

एक ऐसी भी बिल्डिंग है जहां लोग रह रहे हैं और उसका प्लॉस्टर गिर रहा है. सीपेज की समस्या है. कई घरों की तो छत तक गिर चुकी है क्योंकि बिल्डर ने घटिया निर्माण सामग्री का इस्तेमाल किया. यानी जिनको घर मिल भी गए हैं तो वे अच्छी हालत में नहीं हैं. सबको उम्मीद सिर्फ सुप्रीम कोर्ट से है.

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