दिल्ली के पुलिस कमिश्नर के तौर पर राकेश अस्थाना की नियुक्ति के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट इस परीक्षण को तैयार हो गया है कि क्या दिल्ली पुलिस कमिश्नर की नियुक्ति भी सुप्रीम कोर्ट के डीजीपी को लेकर फैसले के दायरे में आएगी? CJI डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने याचिकाकर्ता प्रशांत भूषण की दलील पर सहमति जताई कि अस्थाना भले ही रिटायर हो गए हैं लेकिन कानून का सवाल अभी बाकी है.
दरअसल प्रकाश सिंह फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राज्य के डीजीपी की नियुक्ति के लिए कम से कम छह महीने का कार्यकाल बचा हो और UPSC पैनल से नाम भेजे जाएं.
दिल्ली के पुलिस कमिश्नर के तौर पर राकेश अस्थाना की नियुक्ति के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने छह जनवरी को कहा था कि याचिका कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग है. सुप्रीम कोर्ट में गृह मंत्रालय के अंडर सेक्रेटरी की ओर से हलफनामा दायर कर कहा गया था कि यह याचिका कानूनी प्रक्रिया का गलत इस्तेमाल है.
सरकार ने कहा था कि, याचिका बदला लेने के इरादे से दाखिल की गई है और यह व्यक्तिगत गरज के कारण किया गया है. याचिका सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट प्रकाश सिंह से संबंधित फैसले का हवाला देकर दाखिल की गई है, जबकि अस्थाना की पुलिस कमिश्नर के तौर पर नियुक्ति तय प्रक्रिया के तहत ही हुई है.
सुप्रीम कोर्ट ने 26 नवंबर 2021 को याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार और दिल्ली के पुलिस कमिश्नर को नोटिस जारी करके जवाब दाखिल करने को कहा था.
याचिका में एनजीओ सेंटर फॉर पब्लिक इंट्रेस्ट लिटिगेशन (CPIL) की ओर से दिल्ली के पुलिस कमिश्नर के तौर पर राकेश अस्थाना की नियुक्ति को चुनौती दी गई है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई है जिसमें हाई कोर्ट ने केंद्र द्वारा अस्थाना को पुलिस कमिश्नर नियुक्त करने के फैसले को सही ठहराया है.