कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि तेलंगाना विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी के लिए समर्थन का 'तूफान' आने वाला है और राज्य में सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) बुरी तरह हारेगी. गांधी ने पिनापाका, नरसमपेट और वारंगल में चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए कहा कि यदि कांग्रेस सत्ता में आई तो वह पंचायती राज व्यवस्था में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आरक्षण को 23 प्रतिशत से बढ़ाकर 42 प्रतिशत कर देगी. उन्होंने कहा कि इससे तेलंगाना में 24,000 पंचायत स्तर के नए नेताओं के उभरने का मार्ग प्रशस्त होगा.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस को उम्मीद थी कि जब तेलंगाना का गठन हुआ, तो पिछड़े वर्गों, दलितों और आदिवासियों को राजनीति में जगह मिलेगी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद पहला कदम जाति आधारित सर्वेक्षण कराना होगा.
कांग्रेस नेता ने कहा, "हम जानना चाहेंगे कि इस देश में पिछड़े वर्ग, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के कितने लोग हैं. यदि पिछड़ों की आबादी 50 फीसदी है तो उनकी भागीदारी 50 फीसदी होनी चाहिए." उन्होंने कहा कि कांग्रेस का पहला लक्ष्य सत्तारूढ़ बीआरएस को सत्ता से हटाकर 'तेलंगाना में जनता की सरकार बनाना' और उसके बाद केंद्र में नरेन्द्र मोदी सरकार को 'सत्ता से हटाना' है.
राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस ने तेलंगाना के युवाओं के समर्थन से विकास किया. उन्होंने कहा कि ये कांग्रेस ही थी जिसने तेलंगाना राज्य बनाने का वादा पूरा किया और हैदराबाद को 'दुनिया की आईटी राजधानी' बनाया. उन्होंने कहा, "मुकाबला 'दोराला (सामंती) तेलंगाना और 'प्रजाला' (जनता के) तेलंगाना के बीच है।' उन्होंने आरोप लगाया कि शराब और रेत समेत सभी विभाग 'जहां से पैसा बनता है', मुख्यमंत्री के परिवार के हाथों में हैं."
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि लोग जब एक अलग राज्य चाह रहे थे, तब उन्होंने 'जनता के तेलंगाना' का सपना देखा था, लेकिन ‘केसीआर' केवल एक परिवार के सपने को पूरा कर रहे हैं. उन्होंने ‘केसीआर' पर कालेश्वरम परियोजना के निर्माण के नाम पर 'लोगों से एक लाख करोड़ रुपये लूटने' का आरोप लगाते हुए कहा, 'उनके (केसीआर के) भ्रष्टाचार के उदाहरण तेलंगाना के कोने-कोने में देखे जा सकते हैं.'
कांग्रेस नेता ने कहा कि यह उनकी पार्टी ही थी जो अविभाजित आंध्र प्रदेश में किसानों को मुफ्त बिजली मुहैया कराती थी. उन्होंने आश्वासन दिया कि उनकी सरकार वर्तमान विधानसभा चुनावों में सत्ता में आने के बाद भी किसानों को मुफ्त बिजली आपूर्ति जारी रखेगी.
उन्होंने कांग्रेस की अन्य चुनावी 'गारंटियों' पर भी प्रकाश डाला, जिनमें 2,500 रुपये प्रति माह, 500 रुपये में एलपीजी सिलेंडर और महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा शामिल है. उन्होंने कहा कि यदि पार्टी सत्ता में आती है तो कांग्रेस द्वारा घोषित की जा रही 'छह गारंटी' को पहली कैबिनेट बैठक में मंजूरी दी जाएगी.
उन्होंने आरोप लगाया कि केसीआर एक परिवार का शासन चलाते हैं. गांधी ने कहा कि कांग्रेस 'पिछड़ों, दलितों और आदिवासियों' की सरकार लाना चाहेगी. उन्होंने कहा, केसीआर द्वारा लोगों से लूटी गई राशि कांग्रेस अगले पांच वर्षों में लोगों के बैंक खातों में जमा कर देगी. उन्होंने साथ ही, ये आरोप भी लगाया कि बीआरएस, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के बीच सांठगांठ है. उन्होंने याद दिलाया कि बीआरएस ने लोकसभा में नरेन्द्र मोदी सरकार का समर्थन किया था.
उन्होंने एआईएमआईएम पर भाजपा की मदद करने का आरोप लगाते हुए कहा कि जहां भी कांग्रेस चुनाव लड़ती है वहां वह (एआईएमआईएम) अपने उम्मीदवार उतारती है. उन्होंने कहा कि चुनावी मुकाबला कांग्रेस और बीआरएस के बीच है. उन्होंने कहा कि एआईएमआईएम और भाजपा चुनाव में बीआरएस की मदद कर रही हैं.
तेलंगाना के लोगों के लिए कांग्रेस की छह ‘गारंटी' के वादे पर उन्होंने कहा कि ये आश्वासन केसीआर और नरेन्द्र मोदी के वादों की तरह खोखले नहीं हैं. उन्होंने कहा कि हमारा पहला लक्ष्य तेलंगाना में जनता की सरकार बनाना है. उसके बाद, हम दिल्ली (केंद्र में) में नरेन्द्र मोदी सरकार को उखाड़ फेंकेंगे.
राहुल गांधी ने तेलंगाना के गठन के मुद्दे पर कड़े विरोध के बावजूद इसे साकार करने में कांग्रेस और सोनिया गांधी की भूमिका को याद किया. उन्होंने कहा, 'हालांकि, तेलंगाना एक परिवार के लिए नहीं बना था. तेलंगाना की संपत्ति एक परिवार के पास चली गई है. उन्होंने कहा कि चुनावी मुकाबला कांग्रेस और बीआरएस के बीच है और कांग्रेस राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी को हरा देगी.