झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हाई कोर्ट में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए याचिका दाखिल की थी मगर हाई कोर्ट ने कल इसे खारिज कर दिया. हाई कोर्ट में पूर्व मुख्यमंत्री की तरफ से कहा गया था कि मनी लॉन्ड्रिंग का कोई मामला ही नहीं बनता है और वो बेगुनाह हैं. हाई कोर्ट ने उनकी सारी दलीलों को खारिज कर दिया. अब इस पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने एनडीटीवी से बात की.
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि हाई कोर्ट का यह फैसला अपेक्षित था वरना दो-ढाई महीने का वक्त इसमें क्यों लगता? हम लोगों को मालूम था कि ऐसा ही फैसला आएगा. हम लोगों के साथ क्या होने जा रहा है.
झारखंड उच्च न्यायालय ने हालांकि हेमंत सोरेन को छह मई को अपने चाचा के अंतिम संस्कार में पुलिस हिरासत में शामिल होने की अनुमति दे दी है. न्यायमूर्ति आर. मुखोपाध्याय ने निर्देश दिया है कि पुलिस हिरासत में वह (सोरेन) अपने चाचा के अंतिम संस्कार में शामिल हो सकते हैं.
सोरेन को कथित भूमि घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में ईडी ने 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था. वह फिलहाल रांची की बिरसा मुंडा केंद्रीय जेल में बंद हैं. सोरेन को ईडी की 13 दिन की हिरासत के बाद 15 फरवरी को बिरसा मुंडा केंद्रीय जेल भेज दिया गया था.