भारत और पाकिस्तान (India-Pakistan Relation) पड़ोसी देश हैं, लेकिन देशों के रिश्ते 1947 से ही कड़वाहट भरे रहे हैं. भारत ने कई बार पाकिस्तान की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाया, लेकिन अपनी आदतों से मजबूर पाकिस्तान ने हमेशा विश्वासघात किया. कुछ मौकों पर तो पाकिस्तान ने घिनौनी और जानलेवा हरकतों को भी अंजाम दिया, जिसका भारत ने मुंहतोड़ जवाब दिया. पाकिस्तान के कट्टरपंथी संगठनों और वहां के सैन्य दबाव के चलते दोनों देशों के बीच खटास बरकरार रही, जो बढ़ती जा रही है. इस बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से बंद राजनियक संबंध बहाल होंगे या नहीं... मोदी सरकार (Modi Government) इसकी समीक्षा कर रही है.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने NDTV के साथ खास बातचीत में पाकिस्तान के साथ भारत के खराब रिश्तों पर विस्तार से बात की. जयशंकर ने कहा, "पड़ोसी पड़ोसी होते हैं... न वो हमें छोड़ सकते और न हम उन्हें छोड़ सकते हैं...पाकिस्तान के साथ खराब रिश्तों की वजह आतंकवाद है. पाकिस्तान जितना आतंकवाद को समर्थन देगा, उसका उतना नुकसान होगा. पाकिस्तान से हाई लेवल की बातचीत अभी दूर की कौड़ी है. बातचीत का कोई सवाल ही नहीं उठता."
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जयशंकर ने कहा, "परिस्थितियों को बदलना इतना आसान नहीं है. पाकिस्तान में भारत का हाई कमिश्नर नहीं है. उन्होंने भी भारत से अपने डेप्लोमेट्स बुला लिए. 2019 में उनकी तरफ से ये कदम उठाए गए थे. मुझे लगता है कि हमें पाकिस्तान के साथ रिश्तों की समीक्षा करनी चाहिए. अब देखना होगा कि आगे उनकी राजनीति किस दिशा में जाती है. मैं कहूंगा कि औपचारिक रूप से जो बातचीत अभी दूर है."
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भारत ने कई बार आपसी दुश्मनी, मनभेद और मतभेद को दूर करने की कोशिश की. भारत की तरफ से लगातर कूटनीतिक स्तर पर पाकिस्तान से अच्छे रिश्ते बनाए जाने की कोशिशें की जाती रही हैं, लेकिन पाकिस्तान ने हमेशा भारत की पीठ में छुरा घोंपा.
पाकिस्तान की तरफ से कई बार भारत पर हमला करने की कोशिशें की गईं, जिसमें वह हर बार नाकाम रहा. हर बार भारत ने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया है. बता दें कि भारत और पाकिस्तान के बीच अब तक 4 बार लड़ाइयां हो चुकी हैं. पहली लड़ाई 1947, दूसरी लड़ाई 1965, तीसरी लड़ाई 1971 और 1999 में चौथी लड़ाई करगिल वॉर के रूप में लड़ी गई थी.
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