पश्चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) ने बुधवार को संकेत दिया कि वह अपनी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) के विस्तार कार्यक्रम को जारी रखेंगी और इस सिलसिले में वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के संसदीय क्षेत्र वाराणसी और विपक्षियों के बड़े गढ़ मुंबई का दौरा भी करेंगी.
उन्होंने एक बड़ा संकेत इस बात का दिया कि कांग्रेस उनकी योजनाओं पर कब्जा कर सकती है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के बारे में पूछे जाने पर ममता बनर्जी ने कहा कि फिलहाल मीटिंग तय नहीं है, क्योंकि वे पंजाब चुनाव में व्यस्त हैं. बाद में, उन्होंने कहा, "हम हर बार सोनिया गांधी से क्यों मिलें?"
बनर्जी ने कहा, ‘‘इस बार मैंने मुलाकात के लिए सिर्फ प्रधानमंत्री का समय मांगा था. सभी नेता पंजाब के चुनाव में व्यस्त हैं. काम पहले है...हर बार हमें सोनिया गांधी से क्यो मिलना चाहिए? यह संवैधानिक रूप से बाध्यकारी थोड़े ही है?'' बुधवार को उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की.
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ममता की यह टिप्पणी उनकी पार्टी के एक बड़े विस्तारवादी होड़ के बीच आई है- जिसके तहत अधिकांश कांग्रेस नेता TMC में शामिल हो रहे हैं. पिछले कुछ हफ्तों में, कई नेताओं ने पाला बदल दिया है- इनमें गोवा के पूर्व सीएम लुइज़िन्हो फलेरियो, दिवंगत राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी, सिलचर से कांग्रेस की पूर्व सांसद और कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे संतोष मोहन देव की बेटी सुष्मिता देव शामिल हैं.
ममता बनर्जी सोनिया गांधी के साथ अच्छे समीकरणों के लिए जानी जाती हैं, लेकिन यह अगली पीढ़ी तक नहीं बढ़ सकी. बंगाल कांग्रेस नेताओं की बनर्जी के प्रति उदासीनता ने दोनों दलों के बीच दरार को और बढ़ा दी है.
पश्चिम बंगाल में अप्रैल-मई में हुए विधानसभा चुनावों में जीत के बाद यह चर्चा तेज हो गई है कि ममता बनर्जी 2024 के आम चुनावों में भाजपा के खिलाफ विपक्षी चुनौती का नेतृत्व कर सकती हैं. उन्होंने यह भी कहा कि वह आगामी उत्तर प्रदेश चुनावों में सहयोग करने को तैयार हैं.
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ममता ने कहा, उन्होंने कहा, "अगर तृणमूल यूपी में बीजेपी को हराने में मदद कर सकती है, तो हम जाएंगे... अगर अखिलेश (समाजवादी प्रमुख अखिलेश यादव) हमारी मदद चाहते हैं तो हम देंगे." उन्होंने कहा, "हमने गोवा और हरियाणा में शुरुआत की है... लेकिन मुझे लगता है कि कुछ जगहों पर क्षेत्रीय दलों को ही लड़ने दें. अगर वे चाहते हैं कि हम प्रचार करें, तो हम मदद करेंगे."
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि वह जब 30 नवंबर को दो दिवसीय दौरे पर महाराष्ट्र जाएंगी तब मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार से मुलाकात करेंगी.
बता दें कि कांग्रेस नेता कीर्ति आजाद और कांग्रेस की हरियाणा इकाई के पूर्व अध्यक्ष अशोक तंवर ने मंगलवार को तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया था. उन्होंने कहा कि वह वाराणसी भी जाएंगी क्योंकि ‘‘कमलापति त्रिपाठी का परिवार अब हमारे साथ है.''उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलापति त्रिपाठी के पोते और पड़पोते के राजेशपति और ललितेशपति त्रिपाठी अक्टूबर में तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए थे.