दिल्ली में छह महीने पहले मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ने वाली कांग्रेस और आम आदमी पार्टी अब दुश्मन की तरह पेश आ रही है. कांग्रेस के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष अजय माकन ने बुधवार को आप नेता अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रद्रोही बता दिया.उन्होंने आप सरकार को समर्थन देने और मिलकर चुनाव लड़ने को एक भूल बताया. वहीं दिल्ली युवा कांग्रेस के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष ने अरविंद केजरीवाल और मुख्यमंत्री आतिशी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी.कांग्रेस नेताओं के इस कदम से आम आदमी पार्टी भड़क गई. उसने इस मामले में कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व से 24 घंटे में सफाई मांगी है. दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि अगर कांग्रेस अजय माकन पर कार्रवाई नहीं करती है तो आप इंडिया गठबंधन के बाकी पार्टियों से कांग्रेस को बाहर करने को कहेगी. आप ने आरोप लगाया है कि दिल्ली में कांग्रेस आम आदमी पार्टी को हराने के लिए बीजेपी से मिलीभगत की है.
अजय माकन ने क्या आरोप लगाए थे
दिल्ली में विधानसभा चुनाव की घोषणा अगले कुछ दिनों में होने की संभावना है. इससे पहले दिल्ली का राजनीतिक माहौल गरमाने लगा है. दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने बुधवार को एक श्वेत पत्र जारी किया. इस दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन ने कहा कि दिल्ली में कांग्रेस के कमजोर होने और दिल्ली की दुर्दशा का एक बड़ा कारण 10 साल पहले कांग्रेस की ओर से केजरीवाल सरकार को समर्थन देना था. उन्होंने इसे अपनी निजी विचार बताया. माकन यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कि केजरीवाल को अगर एक शब्द में परिभाषित किया जा सकता है तो वह शब्द है 'फर्जीवाल'. माकन ने कहा कि केजरीवाल ने सामान नागरिक संहिता, अनुच्छेद 370 और संशोधित नागरिकता कानून पर बीजेपी के साथ रहे. माकन ने कहा कि केजरीवाल एंटी नेशनल हैं, उनकी कोई विचारधारा नहीं है सिवाय अपनी निजी महत्वाकांक्षा के.
इस बीच कांग्रेस नेता और नई दिल्ली सीट पर अरविंद केजरीवाल के खिलाफ कांग्रेस उम्मीदवार संदीप दीक्षित ने दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल, सीएम आतिशी औप आप के खिलाफ उनसे शिकायत की. अपनी शिकायतों की चिट्ठी दीक्षित ने उपराज्यपाल को सौंपी. दीक्षित ने अपनी शिकायत में अन्य आरोपों के अलावा कहा है कि पंजाब पुलिस के कुछ लोग उनकी जासूसी कर रहे हैं.
अजय माकन की यह बात आम आदमी पार्टी को चुभ गई.अजय माकन पर हमला करने के लिए दिल्ली की मुख्य आतिशी और राज्य सभा सांसद संजय सिंह गुरुवार को सामने आए. दोनों नेताओं ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस पर हमला बोला. दोनों नेताओं ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी को हराने के लिए कांग्रेस ने बीजेपी के साथ मिलीभगत की है.आतिशी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस उम्मीदवारों की सूची बीजेपी के दफ्तर से बनकर आई है. इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली में अरविंद केजरीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ रहे संदीप दीक्षित और जंगपुरा में मनीष सिसोदिया के खिलाफ कांग्रेस उम्मीदवार फरहाद सूरी के चुनाव का खर्च बीजेपी दे रही है. उन्होंने कहा कि ये दोनों नाम केवल उदाहरण भर हैं. उन्होंने कि कांग्रेस के कई दूसरे उम्मीदवारों को भी बीजेपी ही चुनाव लड़ा रही है. उनका कहना था कि कांग्रेस के नेताओं ने आज तक बीजेपी के किसी नेता के खिलाफ न तो ऐसे आरोप लगाए हैं और न ही उन पर कोई एफआईआर दर्ज करवाई है, जैसा वो आप के नेताओं के खिलाफ लगा रहे हैं.
आप कांग्रेस नेतृत्व से क्या मांग कर रही है
आप के इन दोनों नेताओं ने कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व से मांग की कि अगर उनकी बीजेपी से मिलीभगत नहीं है तो वो अजय माकन के खिलाफ 24 घंटे में कार्रवाई करे. आप नेताओं ने कहा कि अगर कांग्रेस नेतृत्व ऐसा कर पाने में नाकाम रहता है तो वो इंडिया गठबंधन में शामिल दूसरी पार्टियों से अपील करेंगे कि वो कांग्रेस को इस गठबंधन से बाहर करें.
कांग्रेस नेताओं और आम आदमी पार्टी के नेताओं के बीच यह बयानबाजी दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर हो रही है. पहले यह चर्चा थी कि दोनों दल लोकसभा की ही तरह विधानसभा का चुनाव भी मिलकर लड़ेंगे. लेकिन अंत में यह समझौता नहीं हो पाया. दरअसल दोनों दलों का राष्ट्रीय नेतृत्व तो इस समझौते के पक्ष में था, लेकिन स्थानीय नेतृत्व इसके समर्थन में नहीं था. यही वजह है कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने अरविंद केजरीवाल पर बहुत पहले से हमलावर हैं. आठ नवंबर से शुरू हुई 'न्याय यात्रा' में उन्होंने दिल्ली की शराब नीति में कथित भ्रष्टाचार को लेकर उन्होंने अरविंद केजरीवाल को भ्रष्ट ठहराया.
दिल्ली में कांग्रेस की राजनीति
दिल्ली कांग्रेस के नेता बहुत पहले से ही अरविंद केजरीवाल पर हमलावर हैं. दिल्ली की शराब नीति में कथित भ्रष्टाचार उजागर होने के समय से ही वो अरविंद केजरीवाल पर हमलावर रहे हैं. अब विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने बयानबाजी तेज कर दी है. दरअसल दिल्ली में कांग्रेस की हालत बहुत पतली हो चुकी है. पिछले दो चुनाव में उसे एक भी सीट न तो लोकसभा चुनाव में मिली है न ही विधानसभा चुनाव में. हालत यह है कि 2013 में दिल्ली में कांग्रेस के पास 24.67 फीसदी वोट था. साल 2020 के चुनाव में यह घटकर 4.63 फीसदी रह गया. वहीं 2013 में 29.64 फीसदी वोट लाने वाली आप ने 2020 में अपना वोट शेयर बढ़ाकर 53.57 फीसदी कर लिया था.
कांग्रेस दिल्ली में जिस हालत में है, उससे उबरने के लिए आक्रामक और जनता के मुद्दों से जुड़ी राजनीति करने के अलावा कोई और रास्ता नहीं है. एक और रास्ता था, आप के साथ मिलकर चुनाव लड़ना. लेकिन इसमें आप को अपना घाटा नजर आया. क्योंकि अगर समझौते से कांग्रेस कुछ सीटें जीत जाती तो उसका नुकसान कांग्रेस को ही उठाना पड़ता.आप दिल्ली में कांग्रेस के वोट हथियाकर ही इतनी मजबूत हुई है.दिल्ली में मजबूत कांग्रेस आप के लिए किसी काम की नहीं है. इसमें आप का ही घाटा है, वह अपने राजनीतिक दुश्मन को क्यों मजबूत होने देते. इसलिए आप ने कांग्रेस के साथ दिल्ली के लिए कोई समझौता न करना ही बेहतर समझा. वहीं दिल्ली में अपना अस्तित्व को बचाए रखने के लिए कांग्रेस के लिए जरूरी है कि वह अपना खोया हुआ जनाधार वापस लाए. वह जनाधार आप के साथ प्रगाढ़ रिश्ते रखने से वापस नहीं आएगा. दिल्ली में अरविंद केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी अपनी स्वच्छ और ईमानदार छवि की वजह से ही मजबूत हुई है. ऐसे में उसे दिल्ली की सत्ता से हटाने के लिए केजरीवाल और आप को भ्रष्ट साबित करना होगा. इसलिए ही बीजेपी और कांग्रेस आप और अरविंद केजरीवाल को भ्रष्टाचारी साबित करने पर लगे हुए हैं.
दिल्ली में कांग्रेस का खोया हुआ जनाधार
दिल्ली में अपना खोया हुआ जनाधार वापस लाने और दिल्ली की राजनीति में कांग्रेस को प्रासंगिक बनाए रखने के लिए उसके नेता आप और केजरीवाल को निशाना बना रहे हैं. इसके लिए पार्टी के बड़े नेताओं को विधानसभा चुनाव में उतारा जा रहा है. आप के पुराने और बागी नेताओं को टिकट दिया जा रहा है. इससे पार्टी के पक्ष में माहौल बनता भी नजर आ रहा है. वहीं आम आदमी पार्टी को भी एंटी इनकंबेंसी का डर सता रहा है. यही वजह है कि उसने अपने 16 विधायकों के टिकट काट दिए हैं तो चार विधायकों के विधानसभा क्षेत्र बदल दिए हैं. जिनकी सीटें बदली गई हैं, उनके आप के दूसरे नंबर के नेता माने जाने वाले मनीष सिसोदिया भी शामिल हैं. साल 2015 और 2020 के चुनाव में जीतने में आप को कोई परेशानी नहीं हुई थी. लेकिन 2025 के चुनाव में ऐसा नहीं है. आप भ्रष्टाचार के आरोपों से परेशान है. पहले ये आरोप बीजेपी लगा रही थी और अब कांग्रेस भी उसके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप ही लेकर आई है. इस लड़ाई में फायदा किसे होगा, इसका पता तब चल पाएगा,जब अगले साल चुनाव परिणाम आएंगे.
ये भी पढ़ें: CM आतिशी ने दिया 24 घंटे का अल्टीमेटम, या तो माकन को बाहर करें, वरना INDIA गठबंधन से कांग्रेस को बाहर करेंगे