"जब आप 2028 में अविश्वास मत लाएंगे..." : जब PM मोदी ने उड़ाया विपक्ष का मजाक

पीएम नरेंद्र मोदी ने विपक्ष से कहा कि "जब आप 2028 में अविश्वास प्रस्ताव लाएंगे, तब हम दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में होंगे."

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प्रधानमंत्री मोदी मणिपुर में हुई हिंसा को लेकर लाए गए अविश्वास प्रस्ताव का जवाब दे रहे हैं.
नई दिल्ली:

केंद्र सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव का जवाब देते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में कहा कि, ''प्लानिंग और कठोर परिश्रम की निरंतरता बनी रहेगी. जरूरत के हिसाब से इसमें नए सुधार होंगे और परफॉर्मेंस के लिए सभी प्रयास किए जाएंगे. हम तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेंगे. देश को भरोसा है, कि जब आप 2028 में अविश्वास प्रस्ताव लाएंगे तो देश दुनिया के शीर्ष तीन देशों में होगा.”

विपक्ष पर वार करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, "अविश्वास और घमंड इनकी रगों में रच-बस गया..."

अपनी सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज भविष्यवाणी की कि विपक्ष पांच साल बाद फिर से यह कोशिश करेगा. इसके साथ उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत तब दुनिया की सबसे बड़ी तीन अर्थव्यवस्थाओं में से एक होगा.

लोकसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने सदन को 2018 में उनकी सरकार के खिलाफ लाए गए पहले अविश्वास प्रस्ताव की याद दिलाई और अपनी वह टिप्पणी दोहराई कि विपक्ष 2023 में इसे दोहराएगा. प्रधानमंत्री के भाषण के दौरान बीजेपी सांसदों ने अपनी मेजें थपथपाईं और जोर से जयकार की. 

प्रधानमंत्री ने कहा कि विपक्षी दलों के पास 'वरदान' है. उन्होंने खुद का जिक्र करते हुए कहा, "उनके पास एक गुप्त वरदान है. जब भी वे किसी का बुरा चाहते हैं, वह सफल हो जाता है. ऐसा ही एक उदाहरण आपके सामने खड़ा है. बीस साल बीत गए, केवल अच्छा हुआ."

उन्होंने कहा, "वे (विपक्ष) जिस भी संस्थान के खिलाफ बोलते हैं, उसकी किस्मत बदल जाती है. 1991 में देश दिवालिया होने की कगार पर था. लेकिन 2014 के बाद भारत ने शीर्ष पांच में जगह बना ली. जब आप 2028 में अविश्वास प्रस्ताव लाएंगे तो हम शीर्ष तीन में शामिल होंगे."

प्रधानमंत्री मोदी पिछले कुछ महीनों में मणिपुर में जारी अशांति को लेकर लाए गए अविश्वास प्रस्ताव का जवाब दे रहे हैं. मणिपुर में हुई हिंसा में 150 से अधिक लोगों की जान चली गई है.

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विपक्ष मांग कर रहा था कि वह मणिपुर की स्थिति पर संसद में बोलें, लेकिन जब बीजेपी नहीं मानी तो प्रधानमंत्री को लोकसभा को संबोधित करने के लिए मजबूर करने के लिए अविश्वास प्रस्ताव लाया गया.

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