आम आदमी पार्टी यह मानकर चल रही है कि गुरुवार 2 नवंबर को जब अरविंद केजरीवाल प्रवर्तन निदेशालय यानि ED की दफ्तर पूछताछ के लिए जाएंगे तो उनकी गिरफ्तारी तय है. तो ऐसे में सवाल उठता है कि फिर दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार कैसे चलेगी. आम आदमी पार्टी का फाइनल प्लान तो अभी सामने नहीं आया है लेकिन पार्टी के भीतर जो चर्चा चल रही है उसके मुताबिक अगर गुरुवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ED गिरफ्तार भी कर लेती है तो भी अरविंद केजरीवाल अपने पद पर बने रहेंगे.
कानूनी बाध्यता से कोई दिक्कत नहीं
ऐसी कोई कानूनी बाध्यता भी नहीं है कि कोई मुख्यमंत्री अगर गिरफ्तार हो जाए तो उसको पद छोड़ना पड़ता हो. हालांकि आपको बता दें कि देश के इतिहास में आज तक ऐसा कभी नहीं हुआ कि मौजूदा मुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया गया हो लेकिन अगर केजरीवाल गिरफ्तार हुए भी तो भी दिल्ली की सरकार जेल से चल सकती है. केजरीवाल सरकार के मंत्री और आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता सौरभ भारद्वाज से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने इस बात का इशारा करते हुए कहा था कि '' अगर सारे नेताओं को इस तरह से ही जेल में डाला जाएगा तो जाहिर है जेल से ही सरकार और पार्टी चलेगी''
केजरीवाल के पास नहीं कोई भी विभाग
अरविंद केजरीवाल ने सरकार में कोई विभाग अपने पास नहीं रखा हुआ ऐसे में रोजमर्रा के काम का आज और फाइलों आदि पर दस्तखत करने की समस्या भी उनके साथ नहीं होगी. लेकिन एक मुख्यमंत्री के तौर पर नियमित रूप से जो फैसले लेने होते हैं या मंत्रियों और अधिकारियों के साथ चर्चा करनी होती है.वह अरविंद केजरीवाल जेल में रहते हुए कैसे करेंगे यह देखना होगा. अगर अरविंद केजरीवाल गिरफ्तार होते हैं तो ऐसे में सरकार और पार्टी का काफी सीमा अतिशी और सौरभ भारद्वाज के कंधों पर आने की संभावना है.
आतिशी को मिल सकता है अहम रोल
आतिशी इस समय दिल्ली सरकार के ज्यादातर विभाग संभाल रही हैं ऐसे में सरकार चलाने में उनका अहम रोल रह सकता है. साथ मे पार्टी का सबसे बड़ा महिला चेहरा भी आतिशी हैं तो पार्टी में भी उनका अहम रोल रह सकता है. सौरभ भारद्वाज के पास दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य मंत्रालय जैसा बेहद अहम मंत्रालय है. इसके अलावा शहरी विकास मंत्रालय इसके तहत दिल्ली नगर निगम आता है वह भी सौरभ भारद्वाज के पास है. सौरभ भारद्वाज अभी भी पार्टी की काफी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं और आगे भी पार्टी में काफी जिम्मेदारी उनके कंधों पर आने की संभावना है.
खासतौर से संकट के समय किस तरह से मीडिया को फेस करना है और कैसे अपनी बात समझानी है, इस काम में सौरभ भारद्वाज निपुण माने जाते हैं.
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