संदेशखाली मामले (Sandeshkhali Case) पर कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court) द्वारा मामले की सीबीआई (CBI) जांच के आदेश के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका दाखिल की है. बंगाल सरकार ने कलकत्ता हाईकोर्ट के सीबीआई जांच के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.
सुप्रीम कोर्ट 29 अप्रैल को इस मामले की सुनवाई करेगा. जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच मामले की सुनवाई करेगी.
दरअसल कलकत्ता हाईकोर्ट ने ममता सरकार को जोरदार झटका देते हुए संदेशखाली केस की सीबीआई जांच करने का फैसला सुनाया था.
कलकत्ता हाईकोर्ट ने संदेशखाली कांड की सीबीआई जांच के आदेश दिए थे और कहा था जांच की निगरानी खुद कलकत्ता हाईकोर्ट करेगी.
CBI संदेशखाली में 5 जनवरी को ईडी अधिकारियों पर हुए हमले की भी जांच कर रही है. टीएमसी नेता शेख शाहजहां के घर राशन घोटाला मामले में छापेमारी करने पहुंचे ईडी अधिकारियों पर भीड़ ने हमला किया था, जिसके बाद से विवाद शुरू हुआ. आरोप है कि शाहजहां शेख के इशारे पर ही जांच एजेंसी के अधिकारियों पर भीड़ ने हमला किया था.
हाईकोर्ट की बंगाल सरकार को फटकार
हाईकोर्ट ने बंगाल की टीएमसी सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था, "संदेशखाली में मामलों की जटिलता को देखते हुए, इसमें कोई संदेह नहीं है कि निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए. हमारी राय है कि राज्य को (जिस भी) एजेंसी को प्रभारी बनाया गया है, उसे उचित समर्थन दे."
टीएमसी ने शाहजहां को पार्टी से किया निलंबित
बता दें कि जनवरी 2023 में टीएमसी नेता शाहजहां शेख के घर छापेमारी के लिए पहुंचने के दौरान उसके समर्थकों की भीड़ ने टीम पर हमला कर दिया था, जिसमें कई अधिकारी घायल हो गए थे. उसके बाद से ये पूरा विवाद शुरू हुआ. टीएमसी नेता शाहजहां शेख संदेशखाली मामले का मुख्य आरोपी है. शाहजहां और उसके साथियों पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने का आरोप है. हालांकि टीएमसी ने शाहजहां को पार्टी से निलंबित कर दिया है.