"हम डरे हुए हैं" : वर्ल्‍ड बुक फेयर में विरोध प्रदर्शन के बाद ईसाई बुक स्‍टॉल के संचालक

यहां आने वाले कई लोगों का कहना है कि गुरुवार को जो अव्यवस्था फैली, उसे इस बड़े स्‍तर के आयोजन के लिहाज से कतई उपयुक्त नहीं माना जा सकता.

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  • एक स्‍टॉल पर बाइबिल की प्रतियां मुफ्त बांटे जाने का हुआ विरोध
  • एक ग्रुप ने नारेबाजी की और पोस्‍टर फाड़ दिए
  • स्‍टॉल के वालेंटियर बोले, 10 साल में ऐसा पहली बार हुआ
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नई दिल्‍ली:

देश की राजधानी दिल्‍ली के प्रगति मैदान में आयोजित होने वाला विश्व पुस्तक मेला (World Book Fair) साल का सबसे बड़ा साहित्यिक आयोजनों में से एक हैं. गेस्‍ट ऑफ ऑनर की सूची में साहित्य के क्षेत्र में 2022 के नोबेल पुरस्कार विजेता एनी एर्नॉक्स शामिल हैं. वैसे यह पुस्‍तक मेला एक हद तक अव्‍यवस्‍था से भी अछूता नहीं रहा. यहां आने वाले कई लोगों का कहना है कि गुरुवार को जो अव्यवस्था फैली, उसे इस बड़े स्‍तर के आयोजन के लिहाज से कतई उपयुक्त नहीं माना जा सकता. एक समूह ने नारेबाजी की, पोस्टर फाड़े और एक ईसाई संगठन के स्टॉल से किताबें ले गए थे. इसके पीछे कारण यह था कि इस स्‍टॉल पर बाइबल की मुफ्त प्रतियां बांटी जा रही थीं.

यह स्‍टॉल एक ईसाई संगठन गिडयोंस इंटरनेशनल (Gideons International) का था.  इस स्‍टॉल के बाहर लगे पोस्टर्स  में कहा गया था कि लोग "पवित्र बाइबल मुफ्त " हासिल कर सकते हैं, यह कल की बात है. बहरहाल, वालेंटियर्स ने अब इन पोस्टरों को हटा दिया है. स्‍टॉल पर मौजूद वालेंटियर्स ने NDTV से कहा कि वे किसी पर भी बाइबल की प्रति लेने के लिए मजबूर नहीं कर रहे या लोगों को 'कन्‍वर्ट' करने की कोशिश नहीं कर रहे. कल के विरोध प्रदर्शन का जिक्र करते हुए एक वालेंटियर ने कहा, "मैं 10 साल से पुस्तक मेले में स्टॉल लगा रहा हूं, लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है."कल जहां विरोध प्रदर्शन हुआ, उसके पास एक स्‍टाल में मुफ्त योग कक्षाओं का ऑफर किया जा रहा जबकि एक अन्‍य में भगवद् गीता बेची जा रही. हॉल के आसपास ऐसे कई स्‍टोर हैं जिनमें हिंदू, सिख, इस्लाम और ईसाई धर्म पर धार्मिक पुस्‍तकें हैं. गिडयोंस इंटरनेशनल के वालेंटियर्स ने कहा कि हमें लगा कि जब स्‍टॉल एक साथ लग सकते हैं तो विभिन्‍न धर्म के ग्रंथ भी लग सकते हैं. लेकिन कल जो हुआ उससे वे डरे हुए हैं.  

इस बीच पुलिस का कहना है कि कल के मामले में कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है. हिंदू दक्षिणपंथी संगठन विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने विरोध में अपनी भागीदारी से इनकार किया है. हालांकि संगठन ने ईसाई समूहों और मिशनरियों पर "हिंदुओं को लुभाने/फंसाने" का आरोप लगाया है. 

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