लद्दाख में चीन से तनाव के बीच भारतीय सेना अपनी तैयारियों को चाकचौबंद रखने में जुटी है. पूर्वी लद्दाख में शनिवार को ऐसा ही नजारा दिखा जब के-9 वज्र तोपों ने अपनी ताकत दिखाई. ये स्वचालित टैंक (K9-Vajra Self Propelled Howitzer) लद्दाख में भारतीय सेना की बड़ी ताकत बने हैं वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि लद्दाख के दुर्गम इलाके में भी ये टैंक तेजी से आगे बढ़ते रहे. इन टैंकों की खासियत है कि लक्ष्य साधने के लिए आसानी से इन्हें कहीं भी ले जाया जा सकता है.
के-9 वज्र सेल्फ प्रोफेल्ड हॉवित्जर की ऑपरेशनल रेंज 360 किलोमीटरतक है. यह टैंक 67 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ सकता है. इसकी फायरिंग रेंज 18 किलोमीटर है. दक्षिण कोरियाई सेल्फ प्रोपेल्ड 155 एमएम को डिफेंस डेवलपमेंट एंड सैमसंग एयरोस्पेस ने तैयार किया है. यह दक्षिण कोरिया की सशस्त्र सेना में पहले ही अपना दमखम दिखा चुकी है. अब हानवा डिफेंस द्वारा इसका उत्पादन किया जा रहा है. ऐसे एक टैंक की कीमत करीब 25 करोड़ रुपये के आसपास बताई जाती है.