वक्फ बिल मंजूरी के बाद शाहीन बाग से संभल तक बढ़ाई गई सुरक्षा, जुमे की नमाज पर कहां कैसे बंदोबस्त

बिल पर 13 घंटे से अधिक हुई चर्चा का जवाब देते हुए अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि 2006 में 4.9 लाख वक्फ़ संपत्ति देश में थीं और इनसे कुल आय मात्र 163 करोड़ रुपये की हुई, वहीं 2013 में बदलाव करने के बाद भी आय महज 3 करोड़ रुपये बढ़ी. उन्होंने कहा कि आज देश में कुल 8.72 लाख वक्फ़ संपत्ति हैं.

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दिल्ली की जामिया यूनिवर्सिटी में भी सुरक्षा बढ़ी

नई दिल्ली:

राज्य सभा ने वक्फ बोर्ड में पारदर्शिता बढ़ाने समेत कई जरूरी प्रावधानों वाले ‘वक्फ (संशोधन) बिल, 2025 को मंजूरी दे दी. इसी के साथ संसद में यह बिल पारित हो गया. इससे पहले लोकसभा ने बुधवार देर रात करीब दो बजे इस बिल को पारित कर दिया था. राज्य सभा में बिल पर चर्चा के दौरान खूब हंगामा हुआ. एनडीए और विपक्ष के नेताओं के बीच बिल पर चर्चा के दौरान जमकर तीखी बहस हुई. संसद के दोनों सदनों में वक्फ संशोधन बिल के पास होने पर दिल्ली से लेकर यूपी तक कई जगहों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है, ताकि किसी भी तरह के प्रदर्शन के लिए भीड़ इकट्ठी ना हो सके. जुमे की नमाज भी है, ऐसे में सुरक्षा में कोई कमीं नहीं छोड़ी गई है.

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जामिया यूनिवर्सिटी और शाहीन बाग में बढ़ाई गई सुरक्षा

संसद में वक्फ बिल पास होने के बाद कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए साउथ दिल्ली के जामिया नगर और शाहीन बाग जैसे अन्य संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. खास तौर पर जामिया मिल्लिया इस्लामिया में सुरक्षा कड़ी की गई है. अधिकारी ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने अर्धसैनिक बलों के साथ मिलकर कई संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था और पुख्ता कर दी है. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'कई संवेदनशील इलाकों में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए हमने नाइट पेट्रोलिंग भी बढ़ा दी है तथा अतिरिक्त बलों को तैनात करने की व्यवस्था की जाएगी.'

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उत्तर प्रदेश संभल में भी फिलहाल क्या हालात

मस्जिद से लेकर मंदिर, हिंसा और जुमा-होली की वजह से यूपी का संभल इलाका पिछले काफी दिनों में चर्चा में रहा. इसलिए वक्फ बिल को लेकर यहां खास एहतियात बरती जा रही है. मुजफ्फरनगर में संवेदनशील स्थानों पर बुधवार को सुरक्षा कड़ी कर दी गयी है. जिलाधिकारी उमेश मिश्रा और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अभिषेक सिंह के नेतृत्व में जिला प्रशासन ने संवेदनशील इलाकों में गुरुवार को भी ‘फ्लैग मार्च' किया था.

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खालापार इलाके समेत प्रमुख इलाकों में फ्लैग मार्च किया गया. स्थिति पर नजर रखने के लिए ड्रोन से निगरानी भी की जा रही है. संभल के अपर पुलिस अधीक्षक श्रीश चंद्र ने ‘पीटीआई-भाषा' से बात करते हुए बताया था कि संभल और नखासा थाना क्षेत्रों में फ्लैग मार्च निकाला गया. उन्होंने तब कहा था कि हर जगह शांति है. पुलिस भी पूरी तरह सतर्क है. सोशल मीडिया पोस्टों पर नजर रखी जा रही है.

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संभल के CO अनुज चौधरी ने कहा, "स्थिति पूरी तरह से शांतिपूर्ण है. शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए फ्लैग मार्च किया जा रहा है. हर हफ्ते जुमे की नमाज अदा की जाती है, आज भी उसी तरह से नमाज अदा की जाएगी."

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संसद ने दी वक्फ संशोधन विधेयक 2025 को मंजूरी

राज्यसभा ने लंबी चर्चा के बाद 95 के मुकाबले 128 मतों से वक्फ संशोधन बिल मंजूरी दे दी. इस बिल के बारे में सरकार ने दावा किया कि इसके कारण देश के गरीब एवं पसमांदा मुसलमानों एवं इस समुदाय की महिलाओं की स्थिति में सुधाार लाने में काफी मदद मिलेगी.  विधेयक पर तेरह घंटे से अधिक हुई चर्चा का जवाब देते हुए अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रीजीजू ने कहा कि 2006 में 4.9 लाख वक्फ़ संपत्ति देश में थीं और इनसे कुल आय मात्र 163 करोड़ रुपये की हुई, वहीं 2013 में बदलाव करने के बाद भी आय महज तीन करोड़ रुपये बढ़ी. उन्होंने कहा कि आज देश में कुल 8.72 लाख वक्फ़ संपत्ति हैं.

केंद्रीय वक्फ़ बोर्ड में कुल 22 सदस्य होंगे. इसमें 4 से अधिक सदस्य गैर मुस्लिम सदस्य नहीं होंगे. इसमें 3 संसद सदस्य (सांसद) होंगे, 10 सदस्य मुस्लिम समुदाय के होंगे, सुप्रीमो कोर्ट और हाई कोर्ट के दो पूर्व जज, राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त एक एडवोकेट, विभिन्न क्षेत्रों की नामचीन चार हस्तियां, भारत सरकार के एडिशनल सेक्रेटरी और ज्वाइंट सेक्रेटरी भी होंगे.

वक्फ बोर्ड में दो महिलाएं भी

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि इनमें मुस्लिम समुदाय के जो 10 सदस्य होंगे उनमें दो महिलाएं होना जरूरी है. इसमें यह भी प्रावधान किया गया है कि (कम से कम 5 साल तक का) ‘प्रेक्टिसिंग मुस्लिम' ही अपनी संपत्ति वक्फ कर पाएगा. विधेयक में यह भी प्रावधान किया गया है कि संपत्ति को वक्फ को घोषित करने से पहले महिलाओं को उनकी विरासत दी जाएगी तथा इसमें विधवा एवं तलाकशुदा महिलाओं एवं अनाथ बच्चों के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं. इसमें प्रस्ताव किया गया है कि जिलाधिकारी से ऊपर के रैंक का कोई अधिकारी वक्फ घोषित की गयी सरकारी जमीन की जांच करेगा.