गरीब मुसलमानों को होगा फायदा...; वक्फ बिल पास होने पर मौलाना शाहबुद्दीन रजवी

अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने बुधवार को विधेयक सदन में पेश किया था और चर्चा का जवाब देते हुए उन्होंने बताया था कि यह मुस्लिम समुदाय के हित में है.

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विधेयक को 288 के मुकाबले 232 मतों से सदन की मंजूरी मिली.
बरेली:

आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शाहबुद्दीन रजवी बरेलवी ने लोकसभा में पारित वक्फ संशोधन विधेयक 2025 का स्वागत किया है. उन्होंने इस बिल को भारत सरकार की ओर से बुराई खत्म करने की दिशा में उठाया गया एक अच्छा कदम बताया. मौलाना ने कहा कि इस विधेयक से गरीब और कमजोर मुसलमानों को फायदा होगा. मौलाना शाहबुद्दीन ने कहा, "मैं उन सभी सांसदों का शुक्रिया अदा करता हूं, जिन्होंने इस बिल के पक्ष में वोट दिया. भारत सरकार को भी बधाई देता हूं कि उसने यह साहसिक कदम उठाया."

गरीब मुस्लिमों की आर्थिक स्थिति में बड़ा बदलाव आएगा

उन्होंने वक्फ बोर्ड में फैली गड़बड़ियों की ओर इशारा करते हुए कहा कि पहले बोर्ड के अध्यक्ष और सदस्य भू-माफियाओं के साथ मिलकर करोड़ों की जमीन कौड़ियों के भाव बेच देते थे या खुद हड़प लेते थे. उन्होंने कहा, "वक्फ बनाने वालों की मंशा थी कि उसकी संपत्ति से होने वाली आय गरीब, बेसहारा, विधवाओं और अनाथ मुस्लिमों पर खर्च हो. लेकिन ऐसा नहीं हो रहा था. यह पैसा बोर्ड के लोग अपनी जेब में डाल लेते थे. अब इस संशोधन बिल के पास होने से हमें उम्मीद है कि कुछ अच्छा होगा. गरीब मुस्लिमों की आर्थिक स्थिति में बड़ा बदलाव आएगा."

पारदर्शिता और सुधार की दिशा में एक कदम

मौलाना ने इस बिल को पारदर्शिता और सुधार की दिशा में एक कदम बताते हुए कहा कि इससे वक्फ संपत्तियों का दुरुपयोग रुकेगा और उसका सही इस्तेमाल समाज के कमजोर वर्गों के लिए होगा. उन्होंने यह भी कहा, "इंशाल्लाह, अब हालात बदलेंगे और गरीब मुस्लिमों के लिए एक नई राह खुलेगी." बता दें कि वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 लोकसभा में पारित हो गया. अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने बुधवार को विधेयक सदन में पेश किया था और चर्चा का जवाब देते हुए उन्होंने बताया था कि यह मुस्लिम समुदाय के हित में है.

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विधेयक को 288 के मुकाबले 232 मतों से सदन की मंजूरी

विधेयक को 288 के मुकाबले 232 मतों से सदन की मंजूरी मिली. इस महत्वपूर्ण विधेयक को पारित कराने के लिए सदन की बैठक रात लगभग दो बजे तक चली और फिर ध्वनिमत से पारित हो गया. चर्चा के बाद वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 पर विचार के लिए जब किरेन रिजिजू ने प्रस्ताव रखा, तो विपक्ष के कुछ सदस्यों ने मत विभाजन की मांग की. इसके पक्ष में 288 और विरोध में 232 मत पड़े. हालांकि, लॉबी क्लीयर करने के बाद कई सदस्यों को सदन में दाखिल होने देने को लेकर विवाद भी हुआ.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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