वक़्फ संशोधन अधिनियम की वैधता को लेकर दायर विभिन्न याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट अब 15 मई को सुनवाई करेगा. आज इन याचिकाओं पर चीफ जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने सुनवाई की. CJI ने कहा कि हम आदेश सुरक्षित नहीं रखना चाहते. इस मामले में सुनवाई की जरूरत हैं. इस मामले को जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करते है. CJI ने आगे कहा, हमने हलफनामे और जवाबी दलीलें पढ़ ली हैं. हां, पंजीकरण और कुछ आंकड़ों पर कुछ मुद्दे उठाए गए हैं, जिन पर याचिकाकर्ताओं ने विवाद किया है.
इस पर विचार किया जाना चाहिए. दो बातें हैं, जिन पर ध्यान देना होगा. CJI ने कहा, मैं अंतरिम चरण में भी कोई निर्णय या आदेश सुरक्षित नहीं रखना चाहता. इस मामले की सुनवाई किसी उचित दिन होनी चाहिए.
उन्होंने कहा, यह मेरे समक्ष नहीं होगा. इस पर वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और SG तुषार मेहता ने कहा कि हम चाहते थे कि आप ही मामले की सुनवाई करें. दरअसल प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना 13 मई को रिटायर्ड हो रहे है. अब इस मामले की सुनवाई नए मुख्य न्यायाधीश जस्टिस गवई की अध्यक्षता वाली पीठ करेगी.
- न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई देश के अगले मुख्य न्यायाधीश होंगे.
- जस्टिस गवई का कार्यकाल छह महीने दस दिन का होगा और वे 23 नवंबर 2025 को सेवानिवृत्त होंगे.
- वे देश के दूसरे दलित मुख्य न्यायाधीश होंगे.
- उनसे पहले जस्टिस के. जी. बालाकृष्णन इस पद पर आसीन रहे थे.
बता दें पांच अप्रैल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी मिलने के बाद केंद्र ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 को पिछले महीने अधिसूचित किया था. वक्फ (संशोधन) विधेयक को लोकसभा ने 288 सदस्यों के समर्थन से पारित किया, जबकि 232 सांसद इसके खिलाफ थे. राज्यसभा में इसके पक्ष में 128 और इसके खिलाफ 95 सदस्यों ने मतदान किया. कई राजनीतिक दलों, मुस्लिम संगठनों और एनजीओ ने अधिनियम की वैधता को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया है.