राजस्थान के दौसा में भोले बाबा (Bhole Baba) यानी नारायण साकार हरि के आश्रम के आसपास के लोगों ने उस पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने बताया कि भोले बाबा रसूखदार व्यक्ति है. उसके दौसा आश्रम पर वीवीआईपी लोगों का आना-जाना होता था. जब यहां दरबार लगता था तब कॉलोनी के वाशिंदे कॉलोनी में आने के लिए अपना आई कार्ड बाबा के निजी सुरक्षा गार्ड्स को दिखाकर ही आ पाते थे. साथ ही बाबा भोले के सेवादारों में अधिकांश महिलाएं हुआ करती थीं.
एसओजी की गिरफ्त में आए पेपर लीक के मामले में दोषी हर्षवर्धन पटवारी के मकान पर बाबा भोले का भव्य दरबार लगता था. वहां बाबा भोले के वीवीआईपी भक्त और महिला सेवादार होती थीं. रसूख का अंदाजा इससे लगता है कि जिस कॉलोनी में भोले बाबा का दरबार लगता था उस दौरान स्थानीय लोगों को भी कॉलोनी में आने की इजाजत आईडी दिखाने के बाद मिलती थी.
बाबा के समागम के दौरान इलाके में बाबा के प्राइवेट गार्ड मोर्चा संभालते थे. लोगों का आरोप तो यह भी है कि महिला सेवादार यदि बाबा से मिलना चाहें तो गार्ड उनके साथ धक्का मुक्की करने के साथ उन्हें लातों से भी मारा करते थे. भोले बाबा झूले पर बैठकर सत्संग करते थे.
पेपर लीक के आरोपी हर्षवर्धन मीणा के पड़ोसी पुरुषोत्तम ने बताया कि यहां पर बाबा के समागम के दौरान व्यवस्थाएं बिगड़ जाती थीं. दिन में बाबा के लोग आते थे तथा रात भर सत्संग चलता था. इसके आसपास रहने वाले डिस्टर्ब होते थे.
स्थानीय निवासी सचिन गुर्जर ने बताया कि बाबा भोले की थ्री लेयर की सुरक्षा होती थी. समागम के दौरान व्यवस्थाओं में अधिकांश महिलाएं ही सेवादार होती थीं. उन महिलाओं के साथ बाबा के गार्ड बदतमीजी से पेश आते थे.
स्थानीय लोगों की मानें तो इस दरबार की खासियत यह थी अधिकांश से महिलाएं ही बाबा के पास अपनी पीड़ाएं लेकर आती थीं. बाबा के आश्रम में महिला सेवादारों के कागजात भी मिले हैं.
पेपर लीक मामले के दोषी हर्षवर्धन मीणा के बारे में भी कहा जा रहा है कि जब यहां दरबार लगता था तब वह भी यहीं मौजूद रहता था. हालांकि जब से पेपर लीक मामले में हर्षवर्धन का नाम आया है, तब से वह यहां नहीं दिखा. हर्षवर्धन मीणा का विधानसभा चुनाव 2023 का आईडी कार्ड भी इसी मकान (आश्रम) में मिला है.
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