दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए बुधवार को मतदान संपन्न हो गया है. एग्जिट पोल्स में बीजेपी को बंपर बहुमत मिलने की संभावना जताई जा रही है, जिससे सियासी माहौल गरमाया हुआ है. इस चुनाव में वोटिंग प्रतिशत में भी वृद्धि देखी गई है. इस बीच, एक बड़ा सवाल उठ रहा है कि क्या मिडिल क्लास की महिला ('MM' से यहां मतलब है- मिडिल क्लास की महिला) वोटरों ने बीजेपी का साथ दिया और क्या वे फिर से बीजेपी के समर्थन में आ गई हैं? सवाल इसलिए भी क्योंकि दिल्ली चुनाव से पहले केंद्रीय बजट में भी मीडिल क्लास के लोगों का काफी ध्यान रखा गया था. बजट में 12 लाख के इनकम टैक्स छूट दी गई थी. जिसको मीडिल क्लास के लिए गेम चेंजर माना जा रहा है. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि महिला मतदाताओं का रुख इस बार महत्वपूर्ण साबित हो रहा है.वोटरों के पक्ष में किस हद तक बदलते हैं.
दिल्ली में इस बार वोटिंग की प्रतिशत बढ़ा है, इसके क्या मायने हैं? क्या मीडिल क्लास ने निकलकर वोट डाला है या फिर टैक्स में छूट ने दिल्ली चुनाव में खेला कर दिया है. इस सवाल पर वरिष्ठ पत्रकार नीरजा चौधरी का कहना है कि अभी यह नहीं कहा जा सकता है को वो कौन से वोटर हैं, जिन्होंने बंपर वोटिंग की है. पारंपरिक तौर पर कहा जाता है कि वोटिंग ज्यादा होना मतलब सत्ता के खिलाफ उभार है. लेकिन पिछले चुनाव में ऐसा नहीं दिखा था. ऐसे में यह कहना मुश्किल है. महिला वोटर की बात करें तो यह आम आदमी पार्टी के साथ रहा है दो चुनाव से.
वरिष्ठ पत्रकार नीरजा चौधरी ने कहा कि महिला वोटर पूरे देश में चुनाव नतीजों को प्रभावित कर रहे हैं. यह देखा गया है कि स्कीम्स की वजह से महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में वह बीजेपी के साथ शिफ्ट हुई हैं. वह परिवार के खिलाफ भी वोट करती रही हैं. ऐसे में यह देखना दिलचस्प रहेगा कि आम आदमी पार्टी के लिए जमकर वोट करने वाली महिला वोटरों का मीडिल क्लास क्या बीजेपी के साथ शिफ्ट हुआ है. मिडिल क्लास में आम आदमी पार्टी के लिए नाराजगी है. झुग्गी झोपड़ी वाले अभी भी आप के साथ हैं.
नीरजा चौधरी ने कहा कि मिडिल क्लास में आप के लिए नाराजगी दिख रही थी. झुग्गी झोपड़ी वाले अभी के केजरीवाल के साथ. टैक्स छूट ने भी क्या सीन पलट दिया है. मिडिल क्लास का कहना है कि बीजेपी की डबल इंजन सरकार की वजह से दिल्लीवालों को फायदा होगा.
दिल्ली विधानसभा चुनाव में शाम पांच बजे तक 57.70 प्रतिशत मतदान हुआ. साल 2025 में शाम 5 बजे तक हुई वोटिंग से करीब 3 प्रतिशत मतदान अधिक हुआ है. हालांकि अभी फाइनल वोट प्रतिशत नहीं आया है.
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ऐसा कहा जा रहा है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में पहली बार अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने वाले मतदाताओं ने महिलाओं के लिए सुरक्षित वातावरण, रोजगार के बेहतर अवसर और राष्ट्रीय राजधानी के समग्र विकास पर जोर दिया है.