आंध्र प्रदेश सरकार ने मंगलवार को उन दावों को खारिज कर दिया जिनमें कहा गया था कि वाइजैग के फ्लोटिंग ब्रिज का एक हिस्सा पानी में बह गया. बता दें कि 25 फरवरी को आंध्र प्रदेश की एक बीच पर फ्लोटिंग ब्रिज का उद्घाटन किया गया था और फिर ऐसी खबरें आई थीं कि इसका एक हिस्सा टूट गया है. इस पर आंध्र प्रदेश सरकार ने कहा कि वो मॉक ड्रिल का हिस्सा है.
शहर के लोकप्रिय आर के बीच पर फ्लोटिंग ब्रिज का उद्घाटन रविवार को वाईएसआरसीपी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य वाई वी सुब्बा रेड्डी ने बड़े धूमधाम से किया था. हालांकि, 24 घंटों के भीतर, समुद्र के पानी में तैरते ढांचे के टूटे हुए हिस्से की तस्वीरें और वीडियो वायरल हो गए, जिन्हें विपक्षी टीडीपी पार्टी ने और बढ़ा दिया, जिससे वाईएसआरसीपी सरकार को बड़ी शर्मिंदगी उठानी पड़ी.
इसके बाद सोमवार को विशाखापत्तनम मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी (VMRDA) ने एक आधिकारिक बयान में कहा, "उच्च ज्वार के कारण, पुल के टी आकार के व्यूप्वॉइंट को अलग कर दिया गया है और इसकी स्थिरता की जांच के लिए इसे एंकर के पास रखा गया है लेकिन कुछ लोगों ने पुल और अलग व्यूप्वॉइंट के बीच के अंतर की तस्वीरें लीं और आरोप लगाया कि पुल टूट गया है और यह गलत जानकारी है."
वीएमआरडीए ने दावा किया कि मॉक ड्रिल के तहत ब्रिज के एक हिस्से को हटा दिया गया है यह देखते हुए कि मजबूत समुद्री धाराओं के दौरान इस तरह का अलगाव एक सामान्य तकनीकी प्रक्रिया है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि भविष्य में भी मॉक ड्रिल के हिस्से के रूप में जरूरत पड़ने पर व्यूप्वॉइंट को अलग किया जाएगा.
विज्ञप्ति में कहा गया है कि हालांकि सरकार सोमवार से पर्यटकों को पुल पर जाने की अनुमति देना चाहती थी, लेकिन मौसम में बदलाव और तेज समुद्री धाराओं का हवाला देते हुए उन्हें इसे रोक दिया. इस बीच, उद्योग मंत्री जी अमरनाथ ने टीडीपी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह फ्लोटिंग ब्रिज को लेकर फर्जी प्रचार कर रही है.
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