टाटा समूह की विस्तारा एयरलाइंस (Vistara Airlines) इन दिनों अंदरूनी संकट से जूझ रही है. ज्यादातर पायलट काम पर नहीं आ रहे हैं, जिसकी वजह से ह दिन बड़ी संख्या में फ्लाइट्स को रद्द किया जा रहा है. हालांकि विस्तारा ने इस हफ्ते के अंत तक संकट खत्म होने की उम्मीद जताई है. उन्होंने उम्मीद जताई है कि इस हफ्ते के आखिर तक फ्लाइट्स की आवाजाही नॉर्मल हो जाएगी. विस्तारा के पायलट (Vistara Pilots) स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का हवाला देकर फ्लाइट्स ऑपरेट नहीं कर रहे हैं. इसके सीधे सुरक्षा प्रभाव हो सकते है. सूत्रों के मुताबिक, "पायलट लंबे समय तक फ्लाइट्स में ड्यूटी कर रहे हैं, इसकी वजह से बड़ी स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो रही हैं और हर कोई बार-बार बीमार पड़ रहा है."
विस्तारा के पायलटों ने किया थकान का हवाला
पाटलट की किल्लत से जूझ रही विस्तारा एयरलाइंस की उड़ानें लगातार रद्द की जा रही हैं. विस्तारा एयरलाइंस भी एयर इंडिया के साथ विलय की प्रक्रिया में है और इसके पालयट सैलरी स्ट्रक्चर में संशोधन का विरोध करते हुए सभी पायलटों के लिए एक समान सैलरी की मांग कर रहे हैं. यही वजह है कि विस्तारा के पायलट बीमारी का हवाला देते हुए काम पर नहीं आ रहे हैं. हालांकि, सूत्रों ने "एक साथ मिलकर बीमारी का हवाला देते हुए छुट्टी लेने की बात से इनकार कर दिया है."
विस्तारा सूत्रों का कहना है," सभी पायलट लगातार फ्लाइट् ड्यूटी की वजह से थक रहे हैं. नए एफडीटीएल (फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन) नियमों से हमें कुछ राहत मिलनी चाहिए थी, जैसा हमने सोचा था, लेकिन वह नहीं हो रहा है."
क्यो काम पर नहीं आ रहे विस्तारा के पायलट?
बता दें कि टाटा समूह ने पिछले साल एयर इंडिया को खरीद लिया था. अब विस्तार और इसके विलय पर बवाल शुरू हो गया है. एयर इंडिया के सैलरी स्ट्रक्चर और विस्तारा के सैलरी स्ट्र्क्चर में काफी अंतर है. एयर इंडिया का सैलरी स्ट्रक्चर 40 घंटे उड़ान की मिनिमम एश्योर्ड पे पर आधारित है जबकि विस्तारा का 70 घंटे का मिनिमम एश्योर्ड पे है. टाटा ग्रुप ने विस्तारा के लिए पिछले हफ्ते एयर इंडिया के पे स्ट्रक्चर को अपनाया है. इसी वजह से विस्तारा एयरलाइंस के पायलटों की सैलरी में कटौती हुई है. खबरों के मुताबिक इसी वजह से पायलट विरोध कर रहे हैं. पायलट बीमारी और थकान का हवाला देते हुए काम पर नहीं आ रहे हैं. यही वजह है कि विस्तारा एयरलाइंस की 100 से ज्यादा फ्लाइट्स अब तक रद्द हो चुकी हैं.
संशोधित मानकों पर फिर होगा परामर्श
पिछले हफ्ते, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय या DGCA ने 1 जून से प्रभावी होने वाले पायलटों के लिए संशोधित उड़ान शुल्क मानदंडों के कार्यान्वयन को स्थगित कर दिया था. कथित तौर पर संशोधित मानदंडों को बड़े स्तर पर परामर्श के लिए कुछ समय तक टाल दिया गया है. नए मानदंड से पायलटों के आराम के लिए ज्यादा समय मिलेगा, यह पायलटों की थकान को कम करने की कोशिश की तरफ इशारा करते हैं.
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