आपने अक्सर टोल प्लाजा पर गाड़ियों की लंबी कतारें तो जरूर देखी होगी, लेकिन क्या हो अगर इसी टोल प्लाजा पर आपको बैलगाड़ी लेकर जाता कोई नजर आ जाए. दरअसल, इन दिनों सोशल मीडिया पर एक ऐसा ही वीडियो जमकर वायरल हो रहा है. बैलगाड़ी का बिना रुकावट टोल प्लाजा से गुजरना लोग खूब पसंद कर रहे हैं. वीडियो में लिखा है ‘भारतीय किसान टोल फ्री.' आपने कुछ गाड़ियों को बिना टोल दिए गुजरते देखा होगा और उसे VIP समझ बैठे होंगे. चलिए हम आपको बताते हैं कि भारत में आखिर किसे टोल प्लाजा पर टैक्स नहीं देना पड़ता.
भारत में टोल टैक्स वसूलने का अधिकार भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के पास है. NHAI राष्ट्रीय महामार्ग और कुछ चुने मार्गों पर टैक्स लेता है. ये टैक्स लेने के मुख्य दो कारण है, पहला तो उन रस्तों और महामार्गों का मेंटेनेंस और देखभाल करना. दूसरा है इस टैक्स से महामार्ग बनाने में लगे पैसे को फिर से हासिल करना और फिर उन पैसों का इस्तेमाल देश में रास्तों का जाल बढ़ाने में करना.
क्या किसानों और जवानों के लिए है टोल फ्री?
NHAI के नियमों की बात करें तो सुरक्षा मंत्रालय की गाड़ियों को टोल टैक्स में शामिल नहीं किया गया है. केंद्र और राज्य सुरक्षा दलों में काम करने वाले जवान या पुलिस से टैक्स नहीं लिया जाता, बस शर्त ये है कि वो वर्दी में हो. क्या आपको यह पता है कि भारतीय सरकार और सेना द्वारा दिये जाने वाले परमवीर चक्र, अशोक चक्र, महावीर चक्र, कीर्ति चक्र, वीर चक्र और शौर्य चक्र पाए बहादुरों से भी टोल नहीं स्वीकारा जाता.
किसानों की अगर बात करें तो ऐसा कोई विशेष प्रावधान नहीं है, जिससे ये कहा जा सके कि किसान टोल फ्री हैं. हालांकि लोकसभा में पूछे एक सवाल पर 2010 में परिवहन राज्यमंत्री आर.पी.एन सिंह ने कहा था कि किसान अपनी उपज को ले जाने के लिए बिना किसी भुगतान के हाईवे का इस्तेमाल कर सकते हैं, अगर कोई सर्विस रोड या दूसरा पर्यायी मार्ग उपलब्ध ना हो. देश में कुछ जगह स्थानीय लोगों की सहूलियत के लिए टोल प्लाजा के 20 किलोमीटर परिसर में रहने वालों को टोल नहीं देना पड़ता. कुछ जगह मासिक पास भी इस्तेमाल किया जाता है.
इन लोगों को नहीं देना होता टोल टैक्स
आपको बता दें कि देश की राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, मुख्यमंत्री, लोकसभा के स्पीकर, कैबिनेट मंत्री, राज्यमंत्री, लोकसभा सांसद, विधानसभा के विधायक और भी कई प्रशासनिक पदों पर बैठे व्यक्तियों को टोल नहीं देना होता. राज्य सरकार की बसें और सार्वजनिक वाहनों को भी टोल टैक्स से छूट दी गई है.
आपातकालीन और दोपहिया गाड़िया हैं टैक्स फ्री
आपातकालीन सेवा में इस्तेमाल किए जाने वाले वाहन फिर चाहे वह एम्बुलेंस हो या फिर फायर ब्रिगेड की गड़ियां, इनको टैक्स नहीं देना पड़ता है. राज्य सरकारें कई बार अपने हिसाब से किसी विशेष दिन या कुछ समय के लिए टोल फ्री भी करती है. जैसे की महाराष्ट्र में पंढरपूर की वारी(यात्रा) के लिए महाराष्ट्र सरकार टोल फ्री करती आई है.
क्या आपको पता है कि टोल प्लाजा पर लाइन अगर 100 मीटर से ज्यादा लंबी हो तो NHAI का नियम कहता है कि आपको टोल नहीं देना होगा. अगर इस नियम को टोल कर्मचारी मानने से इनकार कर दें, तो 1033 हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं.