पश्चिम बंगाल (West Bengal) में रामनवमी के दौरान हुई हिंसा (Violence) को लेकर त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा (Chief Minister Manik Saha) ने ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि यह दर्दनाक है, हर कोई शांति चाहता है, लेकिन पश्चिम बंगाल में हिंसा की यह संस्कृति लंबे समय से मौजूद है. मुख्यमंत्री माणिक साहा विभिन्न राज्यों के बीच आपसी समझ को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार के "एक भारत श्रेष्ठ भारत" कार्यक्रम में भाग लेने के लिए शनिवार को कोलकाता में थे.
मीडिया से बात करते हुए साहा ने कहा, "पश्चिम बंगाल में रामनवमी के दौरान हुई हिंसा दर्दनाक है, हर कोई शांति चाहता है. पश्चिम बंगाल में यह संस्कृति लंबे समय से है." रामनवमी के मौके पर हावड़ा में दो गुटों के बीच हुई झड़प में कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया. जुलूस के दौरान दंगाइयों ने सार्वजनिक और निजी संपत्तियों में तोड़फोड़ की और वाहनों में आग लगा दी थी.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आरोपों पर बोलते हुए कि भाजपा ने राज्य में हिंसा भड़काने के लिए 'गुंडों' को काम पर रखा था. इस पर साहा ने कहा, "चुनाव के बाद की हिंसा केवल त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल में लागू थी, जहां भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) शासन कर रही थी.
उन्होंने कहा, 'दूसरे राज्यों में भी बीजेपी की सरकार है, लेकिन ऐसी घटनाएं वहां नहीं होतीं. तृणमूल के पास पश्चिम बंगाल के अलावा और कोई सरकार नहीं है.' इससे पहले मंगलवार को पश्चिम बंगाल में हिंसक घटनाओं को लेकर भाजपा पर जमकर बरसे, ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि पार्टी ने हिंसा भड़काने के लिए "बिहार से गुंडों" को काम पर रखा था.मुख्यमंत्री ने कहा था कि दंगाई किसी धर्म के नहीं हैं और वे ''भाजपा के गुंडे'' हैं.
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