कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को सवाल किया कि उनके भाषण के कुछ हिस्सों को संसद के रिकॉर्ड से क्यों निकाल दिया गया, क्या इसलिए क्योंकि उन्होंने अरबपति गौतम अडाणी के साथ अपने संबंधों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अपने हमले तेज कर दिए? पीएम मोदी के भाषण के दौरान संसद में प्रवेश करते हुए राहुल गांधी से पत्रकारों ने एक सवाल किया तो उन्होंने सवाल उठाया, "मेरे शब्द क्यों हटाए गए?" उन्होंने जाते समय कहा कि प्रधानमंत्री सवालों के जवाब देने में विफल रहे.
राहुल गांधी ने कहा, "मैंने उनसे सरल सवाल (गौतम अडाणी के साथ उनके संबंधों के बारे में) पूछे. उन्होंने उनका जवाब नहीं दिया ... यह सच्चाई का खुलासा करता है. यदि वे दोस्त नहीं होते, तो वे जांच के लिए सहमत होते. उन्होंने रक्षा क्षेत्र में शेल कंपनियों के आरोपों पर कुछ नहीं कहा."
राहुल गांधी ने कहा, "यह स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री उनकी रक्षा करने की कोशिश कर रहे हैं. यह राष्ट्रीय सुरक्षा और बुनियादी ढांचे का मामला है. प्रधानमंत्री को कहना चाहिए था, 'हम इसकी जांच करवाएंगे.' लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया."
मंगलवार को कांग्रेस नेता ने पीएम मोदी और गौतम अडाणी पर संसद में तेज हमला किया. यूएस-आधारित शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा अडाणी समूह पर कथित स्टॉक हेरफेर और अकाउंटिंग धोखाधड़ी के आरोप लगाए गए हैं. यह मामला सुर्खियों में है.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल ही में 3,500 किलोमीटर की भारत जोड़ो यात्रा पूरी की है. उन्होंने पीएम मोदी पर गौतम अडाणी के व्यापारिक साम्राज्य को मदद करने का आरोप लगाया है, जिसका सत्तारूढ़ भाजपा ने जोरदार खंडन किया है. भाजपा ने उनके आरोपों को लापरवाही पूर्ण बताया है.
अडाणी ग्रुप ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट को "चुनी हुई गलत सूचनाओं और पुराने, निराधार और बदनाम करने के लिए लगाए गए आरोपों का दुर्भावनापूर्ण संयोजन कहा है, जिनको भारत के उच्चतम न्यायालयों ने परीक्षण करने के बाद खारिज कर दिया है."
विपक्षी दलों का आरोप है कि अडाणी समूह के शेयरों में हालिया मंदी में सार्वजनिक धन शामिल है, क्योंकि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) और भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने उनमें निवेश किया है. अडाणी ग्रुप का कहना है कि उसने सभी कानूनों और डिस्क्लोजर जरूरतों का पालन किया है.