बोतल, बिखरा सामान, मलबा... 'जीत के जश्न' के बाद ऐसा था मरीन ड्राइव का नजारा, यकीन नहीं कर पाएंगे मिले कितने जूते-चप्पल

पुलिस सूत्रों के मुताबिक उनका अनुमान था कि 80 हजार के करीब लोग आएंगे और उनमें से भी 40 हजार स्टेडियम में चले जाएंगे, लेकिन आए 5 लाख के करीब.

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मुंबई (महाराष्ट्र):

टी20 विश्व चैंपियन टीम के स्वागत के लिए मुंबई में आयोजित विक्ट्री परेड में गुरुवार को जनसैलाब उमड़ा. लाखों क्रिकेट प्रशंसक अपने पसंदीदा सितारों की एक झलक पाने के लिए बेताब दिखे, भारी भीड़ की वजह से दक्षिण मुंबई का यातायात पूरी तरह से ठप हो गया. हालांकि इस दौरान अव्यवस्था भी देखने को मिली. मरीन ड्राइव पर खचाखच भीड़ की वजह से कई लोगों के दम घुटे, चोटें आईं, 60 से ज्यादा मोबाइल फोन चोरी हुए, तो वहीं पुलिस ने बाद में सड़कों पर से सैकड़ों जोड़े जूते और चप्पल बरामद किए.

मरीन ड्राइव पर बिखरे पड़े चप्पल जूते वहां के डरावने हालात को बयां कर रहे थे. बीएमसी के मुताबिक उनके 100 कर्मचारियों ने 5 जीप भरकर जूते और चप्पल जमा किया.

टीम इंडिया की विक्ट्री परेड को देखने जिस तरह लाखों की भीड़ उमड़ी वो एतिहासिक और अद्भुत था, लेकिन उतना ही भयानक भी था, क्योंकि अनुमान से कहीं अधिक संख्या में आई भीड़ से मुंबई पुलिस के भी हाथ पांव फूल गए. गनीमत रही कि कोई बड़ी अनहोनी नहीं हुई.

मरीन ड्राइव पर उमड़े जनसैलाब से सब कुछ जाम हो गया, लोग जहां थे वहीं फंस गए. विक्ट्री बस गुजरने के बाद जो अफरातफरी हुई वो भयानक थी. धक्का मुक्की में लोग गिर रहे थे, कई लोगों को फ्रैक्टर हो गया. सैकड़ों लोगों के जूते-चप्पल और मोबाइल छूट गए या चोरी हो गए.

लोगों के बिखरे जूते-चप्पल और कचरा उस वक्त के हालात की गवाही दे रहे थे. इस दौरान एक शो रूम के कर्मचारियों ने मदद कर और सीपीआर देकर कई लोगों की जान बचाई.

भीड़ की वजह से बेहोश होने और जमीन पर गिरने वाले कई लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया, अफरातफरी में लोगों के फोन और कीमती सामान भी गायब हो गए. मरीन ड्राइव पुलिस थाने में 60 से अधिक मोबाइल फोन चोरी होने की शिकायतें मिली है.

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पुलिस सूत्रों के मुताबिक उनका अनुमान था कि 80 हजार के करीब लोग आएंगे और उनमें से भी 40 हजार स्टेडियम में चले जाएंगे, लेकिन आए 5 लाख के करीब.

पूर्व निर्धारित कार्यक्रम से अनुसार विजय जुलूस नरीमन प्वाइंट में नेशनल सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स (एनसीपीए) से शाम 5 बजे शुरू होकर वानखेड़े स्टेडियम में शाम 7 बजे समाप्त होना था, लेकिन टीम के नई दिल्ली से देर से पहुंचने से परेड 7 बजकर 30 मिनट के बाद शुरू हुई.

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ये दूरी आमतौर पर पांच मिनट में तय हो जाती है, लेकिन इसमें एक घंटे से अधिक समय लगा. रुक-रुक कर हो रही बारिश और अत्यधिक उमस के बावजूद लाखों लोग वहां डटे रहे. भीड़ में कई जोड़ी जूते छूट गए और चारों तरफ मलबा बिखरा हुआ नजर आया.

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