विश्व हिंदू परिषद ने जहांगीरपुरी मामले में 'निर्दोष हिंदुओं' को फंसाने का आरोप लगाया

विश्व हिंदू परिषद (Vishwa Hindu Parishad) ने सोमवार को आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस के ''कुछ अधिकारी'' जहांगीरपुरी हिंसा मामले में ''निर्दोष हिंदुओं'' (Innocent Hindus) को फंसाने का प्रयास करने के साथ ही अदालत को भी गुमराह कर रहे हैं.

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VHP के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा, ''हमने 15 अप्रैल को दो स्थानीय थानों को लिखित सूचना दी थी.
नई दिल्ली:

विश्व हिंदू परिषद (Vishwa Hindu Parishad) ने सोमवार को आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस के ''कुछ अधिकारी'' जहांगीरपुरी हिंसा मामले में ''निर्दोष हिंदुओं'' (Innocent Hindus) को फंसाने का प्रयास करने के साथ ही अदालत को भी गुमराह कर रहे हैं. विहिप ने पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना से आग्रह किया कि वे ऐसे अधिकारियों का पता लगाने के लिए एक जांच का आदेश दें और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए. विहिप ने दावा किया कि उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के जहांगीरपुरी (Jahangirpuri) में हाल में निकाली गई हनुमान जयंती शोभायात्रा के लिए आयोजकों ने पहले से ही स्थानीय थानों को सूचित किया था लेकिन हिंसा होने के बाद पुलिस ने पलटी मारी और कहा कि शोभायात्रा के लिए अनुमति नहीं दी गई थी.

विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा, ''हमने 15 अप्रैल को दो स्थानीय थानों को लिखित सूचना दी थी. हमने पुलिस आयुक्त को व्हाट्सएप के जरिये शहर के उन 20 अन्य स्थानों की सूची भी भेजी थी, जहां शोभायात्रा निकाली जानी थी.'' विहिप नेता ने आरोप लगाया कि हनुमान जयंती शोभायात्रा के दौरान 16 अप्रैल को जहांगीरपुरी में हुई हिंसा का कारण ''पुलिस की निष्क्रियता'' रही. बसंल ने आरोप लगाया, ''अब कुछ पुलिस अधिकारी अपनी निष्क्रियता का ठीकरा किसी और पर फोड़ने का प्रयास कर रहे हैं.''

उन्होंने आरोप लगाया, '' वे अपने बयानों को बदलकर अदालत को भी गुमराह कर रहे हैं. यह इस मामले में निर्दोष हिंदुओं को फंसाने की साजिश है.'' दिल्ली की एक अदालत ने कहा है कि पुलिस पिछले महीने जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती के अनधिकृत जुलूस को रोकने में ‘‘पूरी तरह नाकाम'' रही. इस जुलूस के दौरान इलाके में साम्प्रदायिक हिंसा भड़क उठी थी. अदालत ने जमानत के लिए दी गई कई याचिकाओं को खारिज करते हुए यह बात कही.

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अदालत के अनुसार, ऐसा लगता है कि इस मुद्दे को वरिष्ठ अधिकारियों ने पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया है और अगर पुलिसकर्मियों की मिलीभगत थी, तो इसकी जांच करने की आवश्यकता है. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश गगनदीप सिंह ने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि वरिष्ठ अधिकारियों ने इस मुद्दे को दरकिनार कर दिया है. संबंधित अधिकारियों पर जवाबदेही तय की जानी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी कोई घटना न हो.''

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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