मानहानि केस: राहुल गांधी की याचिका पर सूरत कोर्ट में सुनवाई पूरी, 20 अप्रैल को आएगा फैसला

23 मार्च को मानहानि केस में राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई गई थी. सजा का ऐलान होने के कुछ देर बाद ही उन्हें 30 दिन की जमानत दे दी गई थी. सजा सुनाए जाने के अगले ही दिन लोकसभा से उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई थी.

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राहुल गांधी केरल के वायनाड से सांसद थे. हाल ही में उन्होंने वायनाड में रोड शो किया था.
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23 मार्च को राहुल गांधी को हुई थी 2 साल कैद की सजा
राहुल को 15 हजार रुपए के मुचलके पर मिली अंतरिम जमानत
22 अप्रैल तक सरकारी बंगला खाली करने का निर्देश
सूरत:

कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की तरफ से आपराधिक मानहानि केस में मिली 2 साल की सजा पर रोक लगाने वाली याचिका पर सूरत की सेशंस कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई है. अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. 20 अप्रैल को फैसला सुनाया जाएगा. सुनवाई के दौरान सीनियर एडवोकेट आरएस चीमा ने राहुल गांधी की बात को कोर्ट के सामने रखा. 

मानहानि का केस उचित नहीं-वकील
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान राहुल गांधी को उपस्थित न रहने की छूट दी थी. राहुल गांधी के वकील ने कोर्ट में तर्क दिया कि राहुल की मोदी सरनेम पर टिप्पणी को लेकर मानहानि का केस उचित नहीं था. साथ ही केस में अधिकतम सजा की भी जरूरत नहीं थी. इस केस में याचिकाकर्ता पूर्णेश मोदी ने कोर्ट में दाखिल ​अपने जवाब में गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगाने की याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि कांग्रेस नेता बार-बार मानहानि वाला बयान देने के आदी हैं.

सीनियर एडवोकेट आरएस चीमा ने कहा कि आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 389 में अपील लंबित होने पर सजा के निलंबन का प्रावधान है. उन्होंने कहा सत्ता एक अपवाद है लेकिन कोर्ट को सजा के परिणामों पर विचार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि कोर्ट को इस बात पर विचार करना चाहिए कि क्या दोषी को अपूरणीय क्षति होगी. ऐसी सजा मिलना अन्याय है. 

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23 मार्च को हुई थी सजा
23 मार्च को मानहानि केस में राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई गई थी. सजा का ऐलान होने के कुछ देर बाद ही उन्हें 30 दिन की जमानत दे दी गई थी. सजा सुनाए जाने के अगले ही दिन लोकसभा से उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई थी. दोषी पाए जाने के बाद उन्होंने अपनी लोकसभा सदस्यता खो दी थी.

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बंगला खाली करने का नोटिस मिला
लोकसभा हाउसिंग कमेटी ने 27 मार्च को बंगला खाली करने के लिए राहुल को नोटिस भेजा. कमेटी ने उन्हें 22 अप्रैल तक 12 तुगलक रोड का सरकारी आवास खाली करने को कहा. राहुल ने बंगला खाली कर सोनिया गांधी के आवास में रहने का फैसला किया है. उनका सामान भी शिफ्ट हो चुका है. 

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राहुल ने दाखिल की थी दो याचिका
राहुल गांधी ने सूरत कोर्ट में एक मुख्य याचिका दाखिल की थी और 2 आवेदन किए थे. मुख्य याचिका में निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी गई थी. जबकि 2 आवेदनों में से पहली अर्जी दोषसिद्धि (Conviction) पर रोक लगाने की थी, वहीं दूसरी अर्जी सजा पर स्टे लगाने से जुड़ी थी. 

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