कोविड के लिए ऐहतियाती वैक्सीन डोज (Precautionary vaccine doses)संक्रमण, अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु की आशंका को कम करने के लिए हैं. केंद्र सरकार के शीर्ष स्वास्थ्य अनुसंधान निकाय की ओर से प्रेस कान्फ्रेंस में आज यह बात कही गई. इस दौरान सरकार की ओर से यह भी बताया गया कि संक्रमण से ठीक होने के 9 महीने तक इम्यूनिटी रहती है. भारत में तीन स्टडी में पाया गया है कि covishield और covaxin टीका लेने के बाद 10 महीने तक इम्यूनिटी रहती है. स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि भारत के विभिन्न हिस्सों में हम कोरोना के नए केसों में तेजी देख रहे हैं जो कि ओमिक्रॉन वैरिएंट के कारण दुनियाभर में मामलों में आई तेजी का हिस्सा हो सकती है. उन्होंने कहा घबराने की जरूरत नहीं है लेकिन सजग, अनुशासित और तैयार रहना होगा.
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि सभी कोविड वैक्सीन, फिर चाहे वे भारत के हों या इजरायल, अमेरिका, यूरोप, ब्रिटेन या चीन की प्राथमिक तौर पर रोग को ठीक करने वाले (disease modifying)हैं. यह संक्रमण को रोकने वाले (infection preventing) नहीं है. ऐहतियाती वैक्सीन डोज संक्रमण, अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु की आशंका को कम करने के लिए हैं.
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से बताया गया कि देश की करीब 90% फीसदी वयस्क आबादी को पहला डोज लग चुका है. इसके साथ ही सरकार की ओर से टीकाकरण का कवरेज बढ़ाने के लिए विभिन्न कदम उठाए जाने हैं, इसमें एसएमएस भेजना शामिल है ताकि पात्रता रखने वाली बुजुर्ग आबादी को 10 जनवरी से शुरू हो रहे बूस्टर डोज को लेने के बारे में याद दिलाया जा सके.