उत्तराखंड कैबिनेट ने UCC ड्राफ्ट के प्रस्‍ताव को दी मंजूरी, 6 फरवरी को विधानसभा में किया जाएगा पेश

उत्तराखंड कैबिनेट की यह 24 घंटे में दूसरी बैठक थी. कैबिनेट बैठक के दौरान ही UCC ड्राफ्ट को कैबिनेट के सामने रखा गया. ड्राफ्ट को 2 फरवरी को ड्राफ्टिंग कमेटी ने मुख्‍यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी को सौंपा था. 

विज्ञापन
Read Time: 24 mins
उत्तराखंड कैबिनेट की 24 घंटे में दूसरी बैठक हुई.
नई दिल्‍ली:

उत्तराखंड के मुख्‍यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) की अध्‍यक्षता में रविवार को कैबिनेट की बैठक हुई. बैठक में कैबिनेट ने समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) के ड्राफ्ट के प्रस्‍ताव को मंजूरी दे दी है. इस प्रस्‍ताव को 6 फरवरी को विधानसभा सत्र के दौरान पेश किया जाएगा. उत्तराखंड कैबिनेट की यह 24 घंटे में दूसरी बैठक थी. बैठक के दौरान ही यूसीसी ड्राफ्ट को कैबिनेट के सामने रखा गया. ड्राफ्टिंग कमेटी ने UCC के ड्राफ्ट को 2 फरवरी को मुख्‍यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी को सौंपा था. 

इसे लेकर मुख्‍यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी ने आज एक एक्‍स पोस्‍ट किया है, जिसमें उन्‍होंने लिखा, "समय की मांग है समान नागरिक संहिता कानून और हम इसे लागू करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं."

Advertisement

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री आवास में बैठक हुई जिसमें यूसीसी को लेकर प्रजेंटेशन दिया गया, जिसके बाद इसे मंजूरी दी गई. 

Advertisement
Advertisement

उत्तराखंड के लिए UCC का मसौदा तैयार करने वाली समिति की प्रमुख सिफारिशों में बहुविवाह और बाल विवाह पूरी तरह से प्रतिबंध के साथ ही सभी धर्मों की लड़कियों के लिए विवाह योग्य समान आयु और तलाक के लिए समान आधार और प्रक्रियाएं शामिल होने की बात कही जा रही है.

Advertisement

पांच सदस्‍यीय समिति ने तैयार किया ड्राफ्ट 

उच्चतम न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में सरकार द्वारा नियुक्त पांच-सदस्यीय समिति ने शुक्रवार को 749 पृष्ठ की चार खंड वाली रिपोर्ट उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंपी थी.  

उत्तराखंड विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया 

UCC के संबंध में कानून पारित करने के लिए उत्तराखंड विधानसभा का चार-दिवसीय विशेष सत्र आहूत किया गया है. यह सत्र 5 से 8 फरवरी तक बुलाया गया है. सूत्रों के मुताबिक, आयोग ने सिफारिश की है कि लड़कों और लड़कियों को समान विरासत का अधिकार होगा, विवाह का पंजीकरण अनिवार्य किया जाएगा और लड़कियों के लिए विवाह योग्य आयु भी बढ़ाई जाएगी, जिससे वे शादी से पहले स्नातक तक की पढ़ाई कर सकें.

सूत्रों ने कहा कि जिन जोड़ों की शादियां पंजीकृत नहीं हैं, उन्हें किसी भी तरह की सरकारी सुविधा नहीं दी जाएगी. साथ ही ग्रामीण स्तर पर विवाह के पंजीकरण के लिए व्यवस्था की जाएगी. हालांकि, इस मसौदे को अभी तक आधिकारिक तौर पर सार्वजनिक नहीं किया गया है.

आजादी के बाद UCC अपनाने वाला पहला राज्‍य होगा 

UCC राज्य में सभी नागरिकों के लिए समान विवाह, तलाक, भूमि, संपत्ति और विरासत कानूनों के लिए कानूनी ढांचा प्रदान करेगा. फिर चाहे उनका धर्म कुछ भी हो. यूसीसी लागू होने पर उत्तराखंड आजादी के बाद इसे अपनाने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा. गोवा में पुर्तगाली शासन के समय से ही यूसीसी लागू है.

ये भी पढ़ें :

* उत्तराखंड के यूसीसी मसौदे में बहुविवाह और बाल विवाह पर प्रतिबंध की सिफारिश
* असम में इस साल लागू की जाएगी समान नागरिक संहिता, आदिवासियों को देंगे छूट : हिमंता बिस्वा सरमा
* Exclusive: उत्तराखंड समान नागरिक संहिता की रिपोर्ट में 'न्याय की देवी' की आंखों पर पट्टी क्यों नहीं?

Featured Video Of The Day
Waqf Amendment Law पर Supreme Court में सुनवाई आज भी जारी, 3 सवालों पर अटका है मामला
Topics mentioned in this article