- यूपी से लंदन पहुंचे मौलाना शमशुल हुदा का पाकिस्तान के कट्टरपंथी संगठन दावत-ए-इस्लामी से कनेक्शन सामने आया है
- दक्षिण अफ्रीका में दावत-ए-इस्लामी की बैठक में 'फ्री कश्मीर' के नारे लगे थे, जिसमें मौलाना हुदा भी मौजूद था
- दावत ए इस्लामी वही संगठन है, जिसके लोगों के उदयपुर में कन्हैयालाल की हत्या के आरोपियों से संबंध मिले थे
विदेशों से फंडिंग लेकर इस्लामी कट्टरपंथ फैलाने के आरोपी मौलाना शमशुल हुदा का अब पाकिस्तान कनेक्शन सामने आया है. लंदन में रह रहे मौलाना शमशुल हुदा के पाकिस्तान के कट्टरपंथी संगठन दावत-ए-इस्लामी से कनेक्शन का पता एजेंसियों को चला है. ये भी जानकारी मिली है कि शमशुल दावत-ए-इस्लामी के कहने पर कई देश के जलसों में शामिल होता रहा है. उसकी विदेशी फंडिंग मामले की अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी जांच शुरू कर दी है.
यूपी एटीएस की जांच में खुलासा हुआ है कि शमशुल हुदा ने विदेशी फंडिंग के जरिए 4 करोड़ रुपए संत कबीर नगर भेजे. संत कबीर नगर के खलीलाबाद में मौलाना शमशुल हुदा का बेटा मदरसा चलाता है. लंदन में रहते हुए शमशुल हुदा ने संत कबीर नगर में परिवार वालों के नाम पर कीमती प्रॉपर्टी खरीदी थी. शमशुल हुदा के खिलाफ संत कबीर नगर के खलीलाबाद में विदेशी मुद्रा अधिनियम के तहत केस दर्ज करके जांच शुरू कर दी गई है.
जांच एजेंसियों के मुताबिक, भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक शमसुल हुदा की दावत-ए-इस्लामी के साथ कई देशों में हुई बैठकों की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आए हैं. बीते 5 अगस्त को दक्षिण अफ्रीका के प्रिटोरिया में हुई दावत-ए-इस्लामी की एक ऐसी ही बैठक में तो 'फ्री कश्मीर' के नारे लगाए गए थे.
5 अगस्त 2019 को कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद से पाकिस्तानी संगठन दावत-ए-इस्लामी कई देशों में कश्मीर की आजादी के नाम पर जलसे करता रहा है. साउथ अफ्रीका में भी इसी मकसद के साथ बैठक हुई थी. इस बैठक में शुमशुल हुदा भी शामिल था. फ्री कश्मीर के नारे लगाने वालों के साथ फोटो में भी वह नजर आया था. बता दें दावत ए इस्लामी वही संगठन है, जिसके लोगों के राजस्थान के उदयपुर में कन्हैयालाल की हत्या के आरोपियों से संबंध मिले थे.
शमशुल हुदा पर 2013 में ब्रिटेन की नागरिकता लेने के बाद आजमगढ़ के मदरसे में सहायक अध्यापक के रूप में वेतन लेने और बाद में पेंशन लेने का भी आरोप है. मदरसे में नौकरी के दौरान शमशुल कई बार विदेश आता जाता था. विदेशों से इस्लाम के प्रचार के लिए अवैध तरीके से फंडिंग इकट्ठा करके उसमें अपना कमीशन काटकर मदरसों तक पहुंचाता था. मामला सामने आने के बाद आजमगढ़ और संत कबीर नगर में चल रहे उनके दोनों मदरसों की मान्यता रद्द करके उसे सील किया जा चुका है. उसके एनजीओ रजा फाउंडेशन का रजिस्ट्रेशन भी रद्द कर दिया गया है.














