उत्तर प्रदेश के कासगंज में एक नहर से एक महिला वकील का क्षत-विक्षत शव बरामद किया गया. ये महिला वकील घर से कोर्ट गई थीं लेकिन फिर वापस नहीं लौटीं. इस घटना पर सुप्रीम कोर्ट महिला वकील संघ (SCWLA) ने चिंता जाहिर की है. SCWLA ने कहा है कि इनफ इज इनफ...पहले से ही कोई भी महिला अपने कार्यस्थल पर सुरक्षित महसूस नहीं कर रही और आरजी कर मेडिकल कॉलेज की एक जूनियर महिला डॉक्टर के साथ हुए भयानक बलात्कार और हत्या के बाद उनकी जान जोखिम में है. यह क्रूर हत्या का एक और मामला है, उसकी पहचान छिपाने के प्रयास में उसका चेहरा क्षत-विक्षत कर दिया गया.
हर कार्यस्थल पर हो सीसीटीवी
SCWLA द्वारा जारी बयान में कहा गया कि यह दुखद घटना कानून और कानूनी क्षेत्रों में महिलाओं की सुरक्षा के बारे में एक जरूरी और बढ़ते संकट को उजागर करती है. हम सभी सरकारी एजेंसियों और सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के अधिकारियों से आग्रह करते हैं कि वे देश भर में हर कार्यस्थल और संस्थान में प्रवेश द्वारों सहित पूरी तरह से चालू सीसीटीवी सिस्टम लगाना अनिवार्य करें. इस तरह के उपाय कानूनी पेशे जैसे उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में काम आएंगे. सीसीटीवी कैमरे संभावित कदाचार के खिलाफ निवारक के रूप में कार्य कर सकते हैं, -किसी भी घटना को तेजी से संबोधित करने के लिए वास्तविक समय की निगरानी प्रदान करते हैं, और गतिविधियों का दस्तावेजीकरण करके और निगरानी की दृश्य उपस्थिति स्थापित करके समग्र सुरक्षा को बढ़ाते हैं.
अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस
अध्यक्ष और वरिष्ठ वकील महालक्ष्मी पावनी, सचिव प्रेरणा सिंह, उपाध्यक्ष भक्ति पसरीजा सेठी और प्रियंका माथुर, कार्यकारी सदस्य महेरविश रीन, सहायक सचिव मनसा सिंह, कोषाध्यक्ष सुधा पाल और सहायक कोषाध्यक्ष सुभ्रा साहा ने कहा कि अब “निर्णायक कार्रवाई का समय है". हम महिलाओं के खिलाफ ऐसे जघन्य अपराधों के अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस अपनाने का आह्वान करते हैं, यह गारंटी देते हुए कि हमारे देश भर में सभी महिलाओं के लिए न्याय समान रूप से सुलभ है. अब समय आ गया है कि देश की महिला वकील एकजुट होकर अपने सुरक्षा अधिकारों के लिए लड़ें, क्योंकि अब बहुत हो गया.