अमेरिकी सांसद ने अदाणी ग्रुप की कंपनियों की जांच के बाइडेन प्रशासन के फैसले को चुनौती दी

गूडेन ने 7 जनवरी को लिखी अपनी चिट्ठी में कहा है कि न्याय विभाग की चुनिंदा कार्रवाइयों से एशिया-पैसिफिक क्षेत्र में अमेरिका के सबसे मजबूत सहयोगियों में से एक, भारत जैसे प्रमुख साझेदारों के साथ महत्वपूर्ण गठबंधनों को नुकसान पहुंचने का खतरा है.

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अदाणी समूह की जांच के बाइडेन सरकार के फैसले को अमेरिकी सांसद ने दी चुनौती

अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी और उनकी कंपनियों की गतिविधियों की जांच करने के अमेरिका प्रशासन के फैसले को रिपब्लिकन पार्टी के एक प्रभावशाली सांसद ने चुनौती दी है. सांसद का कहना है कि ऐसी चुनिंदा कार्रवाइयों से महत्वपूर्ण गठबंधन सहयोगियों को नुकसान होने का खतरा है.

हाउस ज्यूडिशियरी के सदस्य, सांसद लांस गूडेन ने अमेरिकी अटॉर्नी जनरल मेरिक बी गारलैंड को कड़े शब्दों में एक चिट्ठी लिखी है. जिसमें उन्होंने न्याय विभाग की की तरफ से विदेशी संस्थाओं के खिलाफ चुनिंदा अभियोजन और इस तरह की कार्रवाइयों से अमेरिका के वैश्विक गठबंधनों और आर्थिक विकास को होने वाले संभावित नुकसान पर जवाब मांगा है, साथ ही ये भी सवाल पूछा है कि क्या इसका जॉर्ज सोरोस से कोई रिश्ता है.

अमेरिकी सांसद ने अपनी चिट्ठी में क्या लिखा?

गूडेन ने 7 जनवरी को लिखी अपनी चिट्ठी में कहा 'न्याय विभाग की चुनिंदा कार्रवाइयों से एशिया-पैसिफिक क्षेत्र में अमेरिका के सबसे मजबूत सहयोगियों में से एक, भारत जैसे प्रमुख साझेदारों के साथ महत्वपूर्ण गठबंधनों को नुकसान पहुंचने का खतरा है.'

कमजोर क्षेत्राधिकार और ऐसे मामले जिससे अमेरिका के हितों का ज्यादा लेना-देना नहीं हो, उन्हें आगे बढ़ाने की बजाय, न्याय विभाग को को विदेशों में अफवाहों का पीछा करने के बजाय, घरेलू मुद्दों और यहां के बुरे लोगों को दंडित करने पर अपना ध्यान लगाना चाहिए.

पांच बार के रिपब्लिकन सांसद ने कहा कि ऐसी कंपनियां जों अमेरिका में करोड़ों डॉलर का निवेश करती हैं, हजारों नौकरियां पैदा करती हैं, ऐसी संस्थाओं को निशाना बनाने से अमेरिका को लॉन्ग टर्म में सिर्फ नुकसान ही होगा.

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उन्होंने कहा कि जब हम हिंसक अपराध, आर्थिक जासूसी और CCP प्रभाव से होने वाले वास्तविक खतरों को त्याग देते हैं और उन लोगों के पीछे जाते हैं जो हमारे आर्थिक विकास में योगदान देते हैं, तो ये हमारे देश में निवेश करने की उम्मीद रखने वाले नए निवेशकों को हतोत्साहित करता है.

उन्होंने कहा 'निवेशकों के लिए एक अप्रिय और राजनीति से ग्रस्त माहौल केवल अमेरिका के औद्योगिक आधार और आर्थिक विकास को पुनर्जीवित करने की कोशिशों को रोक देगा, ये निवेश बढ़ाकर इकोनॉमी को फिर से खड़ा करने की राष्ट्रपति ट्रम्प की प्रतिबद्धता को कमजोर करेगा.

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'ट्रंप के लिए रुकावटें पैदा करना मकसद'

गूडेन ने कहा कि ये देखते हुए कि ये फैसले ऐसे समय पर लिए जा रहे हैं जब बाइडेन प्रशासन का अंत नजदीक है, ये साफतौर पर दिखाता है कि इसका सिर्फ एक ही मकसद है राष्ट्रपति ट्रंप के लिए रुकावटें पैदा करना.

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उन्होंने कहा कि हजारों मील दूर विदेशी देशों में लंबी और शायद राजनीति से प्रेरित गतिविधियों पर अपने टैक्सपेयर्स का पैसा खर्च करने के बजाय, विभाग को अमेरिकी लोगों की बेहतर सेवा करने के लिए आने वाले प्रशासन के साथ सहयोग करना चाहिए.

गूडेन ने डॉनल्ड ट्रंप के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने से दो हफ्ते पहले लिखी गई इस चिट्ठी में कहा कि ये जनता के प्रति आपका कर्तव्य है कि आप आगे ऐसी जटिलताएं पैदा न करें जो अमेरिका की भू-राजनीतिक श्रेष्ठता से समझौता कर सकें. उन्होंने कहा कि मैं विदेशी संस्थाओं के खिलाफ मामलों में न्याय विभाग की हाल की चुनिंदा गतिविधियों के बारे में पूछताछ करने के लिए लिख रहा हूं, जो अमेरिका के वैश्विक गठबंधनों पर अपूरणीय दबाव डाल सकती हैं.

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चिट्ठी में गूडेन लिखते हैं कि जैसा कि हमारा देश राष्ट्रपति ट्रंप की अगुवाई में एक नए युग में प्रवेश कर रहा है, अमेरिकियों को उम्मीद है कि ये समृद्धि, विकास, आर्थिक सुधार और राजनीतिक स्वतंत्रता के पुनरुद्धार का प्रतीक होगा. हमारे देश की समृद्धि को दोबारा जीवित करने की हमारी खोज में एक महत्वपूर्ण फैक्टर में संभावित निवेशकों की अमेरिका में कारोबाल करने की क्षमता और स्वतंत्रता शामिल है.'

उन्होंने कहा कि घरेलू स्तर पर बढ़ते हिंसक अपराधों के बारे में सार्वजनिक आक्रोश को पूरी तरह से नकारते हुए, न्याय विभाग विदेशों में कथित अन्याय के लिए बिजनेसेसज को निशाना बनाने के लिए नए अभियान चला रहा है.

मामले में कोई अमेरिकी शामिल नहीं था, फिर क्यों...

गूडेन लिखते हैं कि अदाणी मामले में आरोप भले ही सही साबित हो जाएं, फिर भी हमें इस मामले में उचित और अंतिम मध्यस्थ बनाने में विफल रहेंगे. गूडेन ने लिखा, 'ये 'रिश्वत' कथित तौर पर एक भारतीय कंपनी के भारतीय अधिकारियों की ओर से भारत में भारतीय राज्य सरकार के अधिकारियों को दी गई थी, जिसमें किसी भी अमेरिकी पार्टी की कोई ठोस भागीदारी नहीं थी.'

वो आगे लिखते है 'इसके उलट, न्याय विभाग के पहले के अभियोग के मुताबिक, स्मार्टमैटिक, एक अमेरिकी कंपनी जो हमारे चुनाव कराने के लिए जिम्मेदार है, उसके अधिकारियों ने कथित तौर पर मनी लॉन्ड्रिंग की और विदेशी सरकारों को रिश्वत दी.

हालांकि, चुनाव से पहले हमारी चिंताओं को दूर करने के लिए मेरे सहयोगियों और मेरे तरफ से की गई कई कोशिशों के बावजूद, आपके विभाग ने हमें कभी भी जानकारी नहीं दी. गूडेन ने पूछा कि अगर मामले में संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ महत्वपूर्ण सांठगांठ शामिल है तो न्याय विभाग ने एक भी अमेरिकी को दोषी क्यों नहीं ठहराया है.

उन्होंने पूछा कि क्या इस कथित योजना में कोई अमेरिकी शामिल नहीं था? न्याय विभाग ने गौतम अदाणी के खिलाफ ये मामला क्यों चलाया है, जबकि ये कथित आपराधिक काम और इसमें शामिल पक्ष भारत में हैं? क्या आप भारत में न्याय लागू करना चाहते हैं?.

क्या डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस (DOJ) इस मामले में शामिल भारतीय अधिकारियों के प्रत्यर्पण की मांग करेगा? अगर भारत प्रत्यर्पण अनुरोध का पालन करने और इस मामले पर एकमात्र अधिकार का दावा करने से इनकार करता है तो DOJ की योजना क्या है? क्या DOJ या बाइडेन प्रशासन इस मामले को संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत जैसे सहयोगी के बीच एक अंतरराष्ट्रीय घटना में बदलने को तैयार है?

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