UPSC परीक्षा : कोविड प्रभावितों को अतिरिक्‍त मौका देने की याचिका पर केंद्र विचार करे- SC

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संसदीय समिति की रिपोर्ट के आलोक में मामले पर केंद्र विचार करे.

विज्ञापन
Read Time: 25 mins
सुप्रीम कोर्ट ने अतिरिक्त मौके की मांग मामले में याचिका पर केंद्र से 2 सप्ताह के भीतर विचार करने को कहा है
नई दिल्‍ली:

संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) परीक्षा में बैठने के लिए अतिरिक्त मौके की मांग के मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्र से 2 सप्ताह के भीतर कोविड प्रभावित उम्मीदवारों की  मुख्य परीक्षा में अतिरिक्त प्रयास के लिए याचिका विचार करने को कहा है. SC ने कहा कि संसदीय समिति की रिपोर्ट के आलोक में मामले पर केंद्र विचार करे. याचिकाकर्ताओं ने अदालत को बताया था कि एक संसदीय समिति की रिपोर्ट की ओर इशारा किया जिसमें महामारी से प्रभावित छात्रों को छूट देने की सिफारिश की गई थी

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ताओं ने 24.03.2022 की संसदीय समिति की रिपोर्ट पर भरोसा किया है.सिफारिश के आलोक में हम दो सप्ताह की अवधि के भीतर प्रतिनिधित्व की जांच करने के लिए उपयुक्त प्राधिकारी को निर्देश के साथ याचिका का निपटान करते हैं.प्राधिकरण को निर्णय लेने दें. जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस एएस ओक और जस्टिस सीटी रविकुमार की बेंच ने ये फैसला सुनायाविचार करे इससे पहले केंद्र सरकार और UPSC ने कहा था कि UPSC परीक्षा में बैठने के लिए उम्मीदवारों को अतिरिक्त मौका नहीं दिया जाएगा. केंद्र और यूपीएससी ने कहा था कि अगर UPSC परीक्षा में बैठने के लिए छात्रों मौका दिया गया तो देशभर में अन्य श्रेणियों में होने परीक्षा के छात्रों द्वारा भी इसी तरह की मांग की जाएगी.सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने हलफनामा दाखिल किया था. केंद्र सरकार ने हलफनामे में कहा था कि कोरोना की वजह से जनवरी में UPSC परीक्षा में नहीं बैठ पाने वाले छात्रों को अतिरिक्त मौका देना संभव नहीं है.

केंद्र  ने कहा था कि चार्टर्ड एकाउंटेंसी परीक्षा के लिए इस तरह के अतिरिक्त प्रयास की अनुमति नहीं देने पर हाईकोर्ट ने भी इसी तरह की याचिका खारिज कर दी थी. इस तरह का अतिरिक्त प्रयास देने से अन्य उम्मीदवारों की संभावना प्रभावित होगी क्योंकि इससे उम्मीदवारों की संख्या में वृद्धि होगी.दरअसल कोरोना की वजह से जनवरी 2022 में UPSC परीक्षा में नहीं बैठ पाने वाले उम्मीदवारों को अतरिक्त मौके की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल हुई थी. तीन उम्मीदवार जिन्होंने पिछले साल प्रीलिम्स क्लियर किया था, लेकिन कोविड पॉजेटिव होने के कारण मुख्य परीक्षा के सभी पेपरों में उपस्थित नहीं हो सके थे. उन्होंने अतिरिक्त प्रयास की मांग करते हुए एससी से संपर्क किया था.

Advertisement

अपनी याचिका में कोर्ट से UPSC  को उन्हें एक अतिरिक्त मौका देने का निर्देश देने का आग्रह किया क्योंकि आयोग ने अतीत में अन्य परीक्षाओं में उम्मीदवारों को इसी तरह के विकल्प दिए हैं.सिविल सेवा मुख्य  परीक्षा जनवरी 2022 में आयोजित की गई थी. अदालत ने पहले केंद्र औरUPSC  से जवाब दाखिल करने के लिए कहा था और पूछा था कि क्या  सिविल सेवा परीक्षा के उम्मीदवारों के लिए एकमुश्त छूट देना संभव है, जो इस साल COVID से संबंधित प्रतिबंधों के कारण मुख्य परीक्षा से चूक गए थे. UPSC ने भी याचिका का विरोध करते हुए कहा कि परीक्षा के कार्यक्रम पर टिके रहना महत्वपूर्ण है, इस तरह के एक अतिरिक्त प्रयास से रिक्तियां अधूरी रह जाएंगी.UPSC ने कहा था कि इससे किसी विशेष परीक्षा की परीक्षा के बाद की गतिविधियां पूरी तरह पटरी से उतर जाएंगी और अन्य परीक्षाओं के कार्यक्रम पर भी इसका असर पड़ेगा .UPSC ने यह भी कहा था कि उम्मीदवारों को 21 से 35 वर्ष की आयु के बीच परीक्षा देने की अनुमति है और इसके लिए छह मौके भी दिए जाते हैं जो एक "उचित अवसर" है .कोविड -19 पॉजेटिव होने से पहले याचिकाकर्ताओं में से दो कुछ परीक्षाओं के लिए उपस्थित हुए थे, लेकिन शेष को नहीं दे सके. तीसरा याचिकाकर्ता कोविड पॉजिटिव होने के कारण एक भी पेपर नहीं लिख सका. 

Advertisement

- ये भी पढ़ें -

* "दिल्ली के CM केजरीवाल के आवास पर हमला, 70 हिरासत में; AAP ने BJP पर लगाए आरोप
* "कैमरे में कैद : बुर्का पहनी महिला ने सोपोर में CRPF कैम्प पर फेंका बम
* "प्रशांत किशोर की 2024 चुनावों के प्लान को लेकर गांधी परिवार से बातचीत, 10 प्वाइंट्स

Advertisement

लखीमपुर खीरी हिंसा : आशीष मिश्रा की बेल पर सवाल, HC के रिटायर्ड जज ने यूपी सरकार को लिखा खत

Advertisement
Featured Video Of The Day
Allu Arjun News: Telugu Superstar के घर के बाहर पथराव के आरोपियों को ज़मानत
Topics mentioned in this article