'थैंक्यू...'- 24 घंटे के अंदर दूसरा रिश्तेदार BJP में हुआ शामिल तो अखिलेश यादव का आया ये जवाब

सपा के सूत्रों का कहना है कि यादव परिवार के नेताओं का पार्टी छोड़ कर जाना उत्तर प्रदेश में सपा के लिए फायदे का सौदा साबित हो सकता है.  

विज्ञापन
Read Time: 11 mins
अखिलेश यादव का पार्टी छोड़ने वालों को लेकर टिप्पणी.
लखनऊ:

उत्तरप्रदेश के विधानसभा चुनाव (UP Assembly Elections 2022) में अब कुछ हफ्ते बचे हैं इस बीच समाजवादी पार्टी (SP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच खींचतान तेज़ होती जा रही है.  समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से जब पूछा गया कि पिछले 24 घंटे में उनके कुनबे से दूसरा व्यक्ति टूटकर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गया, तो उन्होंने अपनी पार्टी में परिवार के लोग कम करने के लिए भारतीय जनता पार्टी को धन्यवाद दिया.

अखिलेश यादव ने लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा," भाजपा को खुश होना चाहिए, वो हमारे ऊपर परिवारवाद को बढ़ाने का आरोप लगाते रहते हैं, कम से कम वो हमारे परिवार में परिवारवाद को ख़त्म कर रहे हैं. मैं इसके लिए उन्हें धन्यवाद देता हूं." हाल ही में समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक और पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के साले प्रमोद गुप्ता भाजपा में शामिल हुए हैं. 

आज भाजपा में शामिल होने के बाद प्रमोद गुप्ता ने कहा कि समाजवादी पार्टी पर गुंडों का राज हो गया है. अखिलेश यादव के छोटे भाई की पत्नी अपर्णा यादव के भाजपा में शामिल होने के एक बाद प्रमोद गुप्ता भाजपा में शामिल हुए. यह घटनाक्रम पिछले हफ्ते स्वामी प्रसाद मौर्य की अगुवाई में  ओबीसी के कद्दावर नेताओं और उनके विधायकों के भाजपा छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल होने के बाद हुआ है.

अपर्णा यादव के BJP में जाने से समाजवादी पार्टी को कितना नुकसान और भाजपा को कितना फायदा?   

सपा के सूत्रों का कहना है कि यादव परिवार के नेताओं का पार्टी छोड़ कर जाना उत्तर प्रदेश में सपा के लिए फायदे का सौदा साबित हो सकता है.  

अखिलेश यादव 2012 से 2017 के बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे और उनके अधिकतर कार्यकाल पर चाचा शिवपाल यादव और पिता मुलायम सिंह यादव का असर रहा. आखिरकार अखिलेश यादव ने पार्टी की कमान अपने हाथ में ले ली. लेकिन इससे पहले पिता और चाचा की ओर से अखिलेश यादव के सामने एक बार पार्टी से निष्कासित होने की नौबत आ गई थी.  

2022 के अहम चुनाव से पहले अखिलेश यादव ने अपने चाच शिवपाल यादव से सुलह कर ली है जो अब खुद के सपा से टूटी पार्टी के अध्यक्ष . लेकिन फिलहाल सपा की योजनाओं में शिवपाल यादव कहीं प्रमुखता से नहीं दिखते. मुलायम सिंह यादव लोकसभा में सांसद हैं लेकिन अब सपा का रोज़मर्रा का कामकाज अब वो नहीं देखते हैं. अखिलेश यादव के एक दूसरे चाचा राम गोपाल यादव राज्यसभा में सांसद हैं लेकिन अधिकतर पर्दे के पीछे रह कर ही पार्टी का कामकाज देखते हैं. अखिलेश यादव के चचेरे भाई और पूर्व सांसद अब उनके साथ कम ही दिखते हैं.  समाजवादी पार्टी के सूत्रों का कहना है कि अब योजना अखिलेश यादव को उत्तर प्रदेश के चुनाव में पार्टी के इकलौते चेहरे की तरह पेश करना है जो पार्टी को अकेले अपने दम पर आगे ले जा सकता है.  

Advertisement
Featured Video Of The Day
IIT Kharagpur में Gautam Adani ने कहा- 'हमें हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनना है' | Atmanirbhar Bharat
Topics mentioned in this article