तीन केंद्रीय मंत्रियों केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा, वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने गुरुवार को चंडीगढ़ में प्रदर्शनकारी किसान यूनियनों के नेताओं के साथ तीसरे दौर की बातचीत की. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी इस बैठक में शामिल हुए. यह बैठक देर रात में करीब डेढ़ बजे समाप्त हुई.
किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी देने वाले कानून सहित किसान संगठनों की विभिन्न मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
बैठक समाप्त होने के बाद केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने मीडिया से कहा कि, बहुत ही अच्छे माहौल में बात हुई है,सकारात्मक बात हुई है. किसान संगठनों ने जिन विषयों पर ध्यान दिलाया है उस पर विस्तार से चर्चा करते हुए अगली मीटिंग रविवार शाम 6 बजे तय की है. इस दौरान हम समाधान ढूंढेंगे.
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मीडिया से कहा कि, एक हफ्ते में किसानों के साथ केंद्र सरकार की तीसरी मीटिंग हुई है. बहुत लंबी-चौड़ी बातचीत हुई है. पंजाब का मुखिया होने के नाते अपने लोगों के लिए यहां पर आया. उन्होंने कहा कि, हर विषय पर विस्तृत बात हुई है, बहुत सकारात्मक बातचीत हुई है.
मान ने कहा कि, संगरूर, पटियाला और फतेहगढ़ साहिब में केंद्र सरकार ने हमारा इंटरनेट बंद करवा दिया. बच्चों के पेपर थे, ऑनलाइन पढ़ाई होती है. हमने उनसे पूछा कि आपने हमारे यहां इंटरनेट क्यों बंद किया, हमारे यहां आकर ड्रोन शेलिंग कर देता है, यह सब बर्ताव मत करो.
मुख्यमंत्री ने कहा कि, काफी विषयों पर बहुत सहमति बनी है, बाकी पर भी बन जाएगी. हमने केंद्र सरकार से आश्वासन लिया है. हरियाणा सरकार से बात करो और शांति रखो. किसान संगठन से भी आश्वासन लिया है कि शांति रखो और उन्होंने शांति रखी है. रविवार को अगली बैठक होगी.
उन्होंने कहा कि, जो पंजाब राज्य का विषय होगा, वह हम हल करेंगे. हरियाणा सरकार इस तरह का बर्ताव न करे कि हमारे इलाके में आकर गोले छोड़ रही है. हम कस्टोडियन होने के नाते पंजाब और पंजाबियों के साथ हैं. लेकिन यह भी मुझे देखना है कि आपके पास किसी चीज की कमी ना आ जाए, जैसे तेल की दूध की या दूसरी चीज की.किसान संगठनों ने आश्वासन दिया है शांतिपूर्वक आंदोलन चलेगा.
किसान नेता सरवन पंढेर ने कहा कि, हमने कहा है कि हम मुद्दों पर चर्चा ही ना करते रह जाएं, समाधान भी निकालना चाहिए. तो उन्होंने कहा कि हमको समय चाहिए. MSP पर काफी लंबी चर्चा चली है. हमने कहा जिस तरह से आप सोशल मीडिया पेज बंद कर रहे हो, इंटरनेट बंद कर रहे हो और जब हम सरकार से मिल रहे हैं और शांतिपूर्वक बोल रहे होते हैं तो हमारे ऊपर शेलिंग करते हो. अर्ध सैनिक बलों ने हमारे ऊपर जो भी कार्रवाई की हमने उसके बारे में बताया.
उन्होंने कहा कि, हम चाहेंगे कि आने वाले समय में सुखद हल निकले और टकराव से बचा जाए. सरकार से जो चर्चा हुई है, उस पर अपने साथियों से चर्चा करेंगे. हमको कहा गया है कि हमारे ट्विटर अकाउंट खोले जाएंगे.
उन्होंने कहा कि, दिल्ली जाने का कार्यक्रम जारी है. कुछ चैनल हमारी तस्वीर बिगाड़ रहे हैं और प्रोपोगंडा कर रहे हैं, उनको ऐसा नहीं करना चाहिए. अभी हमारी बातचीत चल रही है इसलिए अभी कोई नतीजा नहीं निकाला जा सकता. जगजीत डल्लेवाल ने कहा कि, हमारी तरफ़ से अभी सीजफायर है.
सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार और किसानों की बैठक में MSP पर फिर से पेंच फंसा है. किसान MSP के मुद्दे पर समझौते को तैयार नहीं हैं. MSP पर किसानों और केंद्र सरकार के बीच सहमति नहीं बन पा रही है.
सूत्रों के अनुसार,बैठक में किसानों ने उनके ऊपर बड़ी मात्रा में आंसू गैस के गोले छोड़ने, सोशल मीडिया अकाउंट बंद करने और इंटरनेट सेवा बंद करने को पर नाराजगी जताई. किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने खाली खोके (Shell) दिखाए.
सूत्रों के मुताबिक, बैठक में पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण पर चर्चा हुई. किसानों की पहले से मांग है कि उनके ऊपर पराली जलाने पर मुकदमे दर्ज न किए जाएं और उनके खेत को रेड एंट्री में ना डाला जाए.
सूत्रों के अनुसार, बैठक में MSP पर चर्चा हुई. यही मांग केंद्र सरकार और किसानों के बीच बड़े गतिरोध का कारण है. किसान लगातार मांग कर रहे हैं कि उनको MSP गारंटी कानून दिया जाए. जबकि अभी तक केंद्र सरकार यह कहती रही है कि इस मुद्दे पर और चर्चा की जरूरत है और वह एक समिति बनाकर इस मुद्दे का हल निकालने की बात करती रही है.