- पीएम मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने प्रधानमंत्री धन-धान्य योजना को मंजूरी दी. 100 जिले दायरे में होंगे.
- प्रधानमंत्री धन-धान्य योजना के लिए 24 हजार करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया गया
- कृषि क्षेत्र से जुड़ी 36 योजनाओं को इसमें समाहित किया जाएगा. फसलों के विविधीकरण और उत्पादकता बढ़ाने पर फोकस होगा.
केंद्र सरकार ने देश के किसानों को एक और तोहफा दिया है. केंद्रीय कैबिनेट की बुधवार को हुई बैठक में प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना को मंजूरी दी. 24 हजार करोड़ रुपये सालाना बजट वाली इस योजना के दायरे में 100 जिले आएंगे. अभी इसकी अवधि छह साल रखी गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार ने आम बजट में इस योजना का ऐलान किया था. अब बजट की घोषणा के साथ इसे हरी झंडी दे दी गई है. इसमें कृषि क्षेत्र से जुड़ी 36 मौजूदा योजनाओं को समाहित किया जाएगा. इसमें फसलों के विविधीकरण और खेती की नई तकनीकों पर जोर दिया जाएगा.
केंद्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि पीएम धन धान्य कृषि योजना से फसलों की उपज के भंडारण, सिंचाई की उन्नत तकनीकों के साथ उत्पादकता बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा. इस योजना से 1.7 करोड़ किसानों को फायदा पहुंचेगा.
आम बजट पेश करते समय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि ये योजना देश के छोटे किसानों को ताकत देगी. प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना के माध्यम सरकार लघु और सीमांत किसानों को उन्नत और उत्पादकता बढ़ाने वाली खेती के लिए प्रोत्साहित करेगी. भारत में कृषि उत्पादकता दूसरे देशों के मुकाबले बढ़ाने पर सरकार का फोकस है.
किसानों को गेहूं-चावल के साथ दलहन-तिलहन और नकद फसलें उगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. फसलों में विविधिता आने से उपज बेहतर होगी ताकि आमदनी बढ़ाई जाए. बेहतर उपज में मददगार नई कृषि तकनीकों को अपनाने पर जोर दिया जाएगा. फसल चक्र के साथ पर्यावरण संतुलन बनाने पर फोकस रहेगा. योजना के तहत, फसलों के पंचायत और ब्लॉक लेवल पर ही भंडारण की सुविधाएं विकसित की जाएंगी. इससे गेहूं-चावल जैसी उपज को बर्बादी से बचाया जा सकेगा.किसानों को सस्ता और किफायती लोन दिलाया जाएगा. खेती में निवेश के बेहतर उपाय किए जाएंगे.
कैबिनेट ने एनटीपीसी को अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में निवेश के लिए 20 हजार करोड़ रुपये देने पर भी स्वीकृति दे दी है. कैबिनेट ने NLC इंडिया को उनकी पूर्ण स्वामित्व वाली इकाई NIRL में 7000 करोड़ रुपये निवेश की अनुमति दे दी है. पीएम मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी की ओर से ये फैसला लिया गया. एनएलसीआईएल को नवरत्न केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यमों पर लागू मौजूदा निवेश दिशानिर्देशों से विशेष छूट देने को मंजूरी दे दी है.