नवरात्रि उत्सव के बाद दशहरे पर 'महाकाल की सवारी' के लिए उज्जैन तैयार

मध्य प्रदेश के उज्जैन (Ujjain)  शहर में विशाल मैदानों से लेकर छोटे-छोटे मोहल्लों में बड़ी संख्या में लोगों ने नौ दिनों तक पारंपरिक 'गरबा' के साथ नवरात्रि उत्सव (Navratri festival) मनाया और देवी दुर्गा की पूजा अर्चना की.

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नानकपुरा क्षेत्र में राजमाता विजयाराजे सिंधिया स्टेडियम में गरबा उत्सव के दौरान भारी भीड़ जमा हो गई थी. 
उज्जैन :

मध्य प्रदेश के उज्जैन (Ujjain)  शहर में विशाल मैदानों से लेकर छोटे-छोटे मोहल्लों में बड़ी संख्या में लोगों ने नौ दिनों तक पारंपरिक 'गरबा' के साथ नवरात्रि उत्सव (Navratri festival) मनाया और देवी दुर्गा की पूजा अर्चना की. नवरात्रि के नौवें दिन मंगलवार को लहंगा और चनिया चोली समेत पारंपरिक परिधानों में पहुंची लड़कियों और युवतियों ने पूरे उत्साह के साथ आदि 'शक्ति' की पूजा की. धार्मिक नगरी उज्जैन में यह उत्सव मध्यरात्रि तक चलता रहा. डिजाइनर कुर्ता पायजामा एवं पारंपरिक 'डांडिया' पोशाक में लड़के और पुरुष भी महिलाओं के साथ इस उत्सव में शामिल हुए. गरबा उत्सव के लिए कई स्थानों को भव्य तरीके से सजाया गया था.

इस उत्सव का समापन बुधवार को दशहरा के दिन 'महाकाल की सवारी' के साथ होगा.शारीरिक रूप से लोग नौ दिनों के उत्सव के बाद थक जरूर गए होंगे, लेकिन उनका उत्साह कम नहीं हुआ है और इस वर्ष दशहरा समारोह अधिक धूमधाम से आयोजित होने की उम्मीद है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा महाकाल कॉरिडोर पुनर्विकास परियोजना के पहले चरण का उद्घाटन 11 अक्टूबर को किया जाएगा, जिसमें केवल कुछ ही दिन शेष हैं.

इस परियोजना के निर्माण को लेकर शहर के लोग बहुत उत्साहित हैं क्योंकि इससे भगवान शिव के 12 'ज्योतिर्लिंग' में से एक महाकालेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं को पहुंचने और पवित्र शिवलिंग के दर्शन करने में आसानी होगी. मंगलवार की रात महिलाओं ने हरि फाटक ओवरब्रिज के पास एक सड़क चौराहे पर 'गरबा' किया, जिससे नए गलियारे का एक हिस्सा दिखाई देता है.

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नानकपुरा क्षेत्र में राजमाता विजयाराजे सिंधिया स्टेडियम में गरबा उत्सव के दौरान भारी भीड़ जमा हो गई थी. एक युवती ने कहा, ''इन नौ दिनों में हमने नवरात्र का आनंद लिया, लेकिन नवरात्र की आखिरी रात हमारे लिए सबसे खास है.'' उज्जैन में बुधवार को भव्य 'महाकाल की सवारी' के साथ दशहरा उत्सव मनाया जा रहा है. इस शोभायात्रा में भक्तों द्वारा भगवान शिव की मूर्ति को चांदी की पालकी में ले जाया जाता है.

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सोंगारा नामक एक व्यक्ति ने कहा, ''उज्जैन में भगवान शिव को महाकाल महाराज कहा जाता है और यह शोभा यात्रा 'राजा' (भगवान) के अपनी 'प्रजा' (लोगों) से मिलने का एक प्रतीकात्मक तरीका है. चूंकि एक नयी गलियारा परियोजना का उद्घाटन हो रहा है, इस बार 'महाकाल की सवारी' भव्य होने की उम्मीद है.'' शीर्ष अधिकारियों ने मंगलवार को कहा था कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दशहरा पर उज्जैन जाएंगे और महाकालेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना करने के अलावा कॉरिडोर उद्घाटन से पहले तैयारियों का जायजा लेंगे. मुख्यमंत्री के 'महाकाल की सवारी' शोभायात्रा में भी हिस्सा लेने की उम्मीद है.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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