पेट्रोल एवं डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती करने के केंद्र सरकार के फैसले के अगले ही दिन महाराष्ट्र सरकार ने पेट्रोल पर लगने वाले मूल्य-वर्द्धित कर (वैट) में 2.08 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर लगने वाले शुल्क में 1.44 रुपये प्रति लीटर की कटौती कर दी.राज्य सरकार की तरफ से रविवार को जारी एक आधिकारिक बयान में पेट्रोल एवं डीजल पर वैट घटाने की जानकारी दी गई. इसके मुताबिक, इस फैसले से राज्य के खजाने को 2,500 करोड़ रुपये की वार्षिक क्षति होगी.
वैट की कटौती के बाद पेट्रोल की बिक्री से मिलने वाले मासिक राजस्व में 80 करोड़ रुपये तक की गिरावट आएगी जबकि डीजल की बिक्री से प्राप्त होने वाले राजस्व में 125 करोड़ रुपये की कमी आने का अनुमान है. केंद्र सरकार ने शनिवार को ही पेट्रोल एवं डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती करने का फैसला लिया था. पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में आठ रुपये प्रति लीटर और डीजल पर उत्पाद शुल्क में छह रुपये प्रति लीटर की कटौती की गई है.
इसके साथ ही केंद्र सरकार ने उपभोक्ताओं को अधिक राहत देने के लिए स्थानीय स्तर पर लगने वाले वैट में कटौती करने का भी अनुरोध किया था. महाराष्ट्र सरकार का यह कदम उसी के अनुरूप है. हालांकि महाराष्ट्र के मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस कटौती को अपर्याप्त बताते हुए कहा कि यह लोगों के साथ किया गया एक 'क्रूर मजाक' है.
फडणवीस ने कहा कि राज्य सरकार से महाराष्ट्र की आर्थिक स्थिति के अनुरूप कदम उठाने की अपेक्षा थी. उन्होंने कहा कि दूसरी राज्य सरकारें उपभोक्ताओं को सात से दस रुपये प्रति लीटर तक की राहत दे रही हैं लेकिन महाराष्ट्र सरकार ने सिर्फ 1.5-2 रुपये की ही वैट कटौती की है. उन्होंने कहा, ‘‘यह लोगों के साथ किया गया एक क्रूर मजाक है. सरकार को इस मामले में बड़ा दिल दिखाना चाहिए था.''
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