केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को धमकी मामले में नया मोड़ आया है. नागपुर पुलिस ने इस केस में आतंक विरोधी कानून UAPA की धारा भी जोड़ी है. पुलिस के मुताबिक आरोपी जयेश पुजारी का पीएफआई (PFI) और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तोइबा के साथ लिंक होने के संकेत मिले हैं. जयेश पुजारी ने जेल में रहते हुए नितिन गडकरी को जान से मारने की धमकी दी थी. मामले में अब ATS भी पुजारी से पूछताछ कर सकती है.
दरअसल कर्नाटक की जेल में बंद कैदी जयेश पुजारी हिंडालगा ने नितिन गडकरी को धमकी दी थी. उसने केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री के नागपुर कार्यालय में धमकी भरा फोन किया था और 100 करोड़ रुपये की मांग की थी. पुलिस को जांच में पता चला कि कथित फोन करने वाला कैदी जयेश पुजारी हिंडालगा को अदालत ने हत्या के मामले में मौत की सजा सुनाई थी. पुलिस के मुताबिक, पुजारी ने कथित तौर पर यह भी दावा किया था कि वह दाऊद इब्राहिम गिरोह का सदस्य है.
पुलिस को जेल में उसके पास से एक डायरी मिली थी, जिसमें कआ नेताओं और मंत्रियों के नंबर थे. पुलिस ने डायरी जब्त कर फोन कहां से आया इसकी जांच कर रही है.
मामला सामने आने के बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा था कि राज्य सरकार बेलगावी की हिंडालगा जेल से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को फोन कर धमकी दिए जाने के मामले की गहन जांच करेगी. उन्होंने कहा कि फोन हिंडालगा जेल से किया गया था. हम पूरे मामले की जांच कर रहे हैं. हमने मामले को काफी गंभीरता से लिया है.
पुजारी को एक हत्या के मामले में एक अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी. वह 2016 में जेल से भाग गया था, लेकिन बाद में कर्नाटक पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था.
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