भारत बाहर से भी खतरे में और अंदर से भी : लोकसभा में राहुल गांधी का सरकार पर वार

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बहस के दौरान संसद में कहा कि अब दो अलग-अलग भारत हैं, एक अमीरों के लिए और दूसरा गरीबों के लिए. उन्होंने कहा, "दोनों के बीच की खाई चौड़ी हो रही है."

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नई दिल्ली:

कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने बुधवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान बहस में भाग लेते कहा कि राष्ट्रपति अभिभाषण में बेरोजगारी पर एक भी शब्द नहीं था. उन्होंने कहा कि देश खतरे में है और ये खतरा बाहर से भी और अंदर से भी. इन खतरों से मुझे चिंता होती है. रोजगार को लेकर केंद्र पर निशाना साधते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि देश का युवा रोजगार मांग रहा है. आपकी सरकार रोजगार देने में असमर्थ है. पिछले साल 3 करोड़ युवाओं ने रोजगार खो दिए. 50 साल में सबसे ज्यादा बेरोजगारी आज है.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार में दो हिंदुस्तान बन गए हैं जिनमें से एक अमीरों और दूसरा गरीबों का है. उन्होंने कहा, "दोनों के बीच की खाई चौड़ी हो रही है."

उन्होंने कहा, "राष्ट्रपति के अभिभाषण में किस बारे में नहीं बताया गया? मुझे लगता है कि तीन मूलभूत चीजें हैं: पहला यह विचार है कि दो भारत हैं, एक भारत नहीं. एक बहुत धनी लोगों के लिए है, जिनके पास अपार दौलत है और जिन्हें नौकरी की आवश्यकता नहीं है. दूसरा है गरीबों के लिए ."

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राहुल गांधी ने लोकसभा में कहा, "आप मेड इन इंडिया, मेड इन इंडिया के बारे में बात करते हैं. मेड इन इंडिया अब संभव नहीं है. आपने 'मेड इन इंडिया' को बर्बाद कर दिया है. आपको छोटे और मझोले उद्योगों का समर्थन करने की जरूरत है, वरना 'मेड इन इंडिया' संभव नहीं है. छोटे एवं मझोले उद्योग ही रोजगार पैदा कर सकते हैं." उन्होंने कहा, "आप मेड इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया इत्यादि के बारे में बात कर रहे हैं और सिर्फ बेरोजगारी बढ़ रही है."

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उन्होंने कहा कि आप ये मत सोचो कि जिस गरीब हिन्दुस्तान को आप बना रहे हो ये चुप बैठा रहेगा, ये चुप नहीं बैठा रहेगा. इस हिन्दुस्तान को दिख रहा है कि आज हिन्दुस्तान के 100 सबसे अमीर लोगों के पास हिन्दुस्तान के 55 करोड़ लोगों से ज़्यादा जायदाद है, ये नरेंद्र मोदी जी ने किया है.

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लोकसभा में कांग्रेस नेता ने कहा, "हिन्दुस्तान के 84 प्रतिशत लोगों की आमदनी घटी है और वो तेजी से गरीबी की ओर बढ़ रहे हैं. 27 करोड़ लोगों को हमने गरीबी से निकाला था और 23 करोड़ लोगों को आपने गरीबी में वापस डाल दिया." 

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राहुल गांधी ने दो उद्योगपतियों (मुकेश अंबानी और गौतम अडानी) का उल्लेख करते हुए कहा, ‘कोरोना के समय कई वैरिएंट आते हैं, लेकिन ‘डबल ए' वैरिएंट है जो देश की अर्थव्यवस्था में बढ़ रहा है.'

राहुल गांधी ने कहा कि एक व्यक्ति का (नाम नहीं लूंगा) देश के सभी पोर्ट्स, एयरपोर्ट, पावर ट्रांसमिशन, माइनिंग, ग्रीन एनर्जी, गैस वितरण, एडिबल ऑयल... जो भी हिंदुस्तान में होता है, वहां अडानी जी दिखाई देते हैं. दूसरी साइड अंबानी जी की पेट्रोकेमिकल्स, टेलिकॉम, रीटेल, ई-कॉमर्स में मोनोपॉली है. पूरा धन चुनिंदा लोगों के हाथ में जा रहा है.

गांधी ने कहा,"मैं आपातकाल पर भी बोलूंगा. मैं इसके बारे में बात करने से नहीं डरता. राजा (King) का विचार वापस आ गया है, जिसे कांग्रेस ने 1947 में खत्म कर दिया था. अब एक शहंशाह है. अब हमारे राज्य और लोगों के बीच बातचीत के साधनों पर एक विचार से हमला किया जा रहा है. इसलिए, उदाहरण के लिए, आज तमिलनाडु के विचार को भारतीय संस्था से बाहर रखा गया है. आप कह रहे हैं कि बाहर निकलो यहां से. उनके पास आवाज नहीं है. पंजाब के किसान खड़े हो सकते हैं, लेकिन उनके पास आवाज नहीं है. विरोध प्रदर्शन के दौरान कोरोनोवायरस महामारी के चलते लोगों की जान चली गई, लेकिन राजा ने नहीं सुना."

कांग्रेस नेता ने बीजेपी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार पर तीखे प्रहार करते हुए कहा कि देश हर तरफ से विरोधियों से घिरा हुआ है और क्षेत्र में अलग-थलग पड़ गया है. 

उन्होंने कहा, "भारत का रणनीतिक लक्ष्य चीन और पाकिस्तान को अलग रखना होना चाहिए था, लेकिन आपने जो किया है वो उन्हें एक साथ ले आया. हम जिस स्थिति का सामना कर रहे हैं उसे कम मत समझिए. यह भारत के लिए एक गंभीर खतरा है."

गांधी ने आगे कहा, "हमने जम्मू और कश्मीर में एक "बड़ी रणनीतिक गलती" की. संभावना है कि कांग्रेस नेता ने यह बात अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाने के संदर्भ में कही, जिससे जम्मू-कश्मीर को मिला विशेष राज्या का दर्जा रद्द हो गया था. 

गांधी ने कहा कि न केवल बाहरी खतरों से, बल्कि देश अंदर से भी "कमजोर" हो गया है और "हमारे संस्थान खतरे में हैं."

उन्होंने कहा, "देश बाहर और अंदर दोनों तरह से खतरे में है. यह एक बहुत ही खतरनाक स्थिति है और देश जहां खड़ा है, मैं उसे लेकर बहुत असहज हूं - देश बाहर से पूरी तरह से अलग-थलग, अंदर से लड़ रहा है, संस्थानों पर कब्जा कर लिया गया है. राज्य एक दूसरे से बात करने में सक्षम नहीं हैं. इससे मुझे चिंता होती है."

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