किसान आंदोलन (Farmers' Protest) के चलते दिल्ली- यूपी-हरियाणा सीमा पर बंद सड़कों को खोलने के मामले दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई टल गई. इससे पहले, हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में हलफनामा दाखिल किया और कहा कि प्रदर्शनकारी किसानों को हाईवे से जाम हटाने के लिए मनाने की कोशिश जारी रहेगी. राज्य ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि किसान सार्वजनिक स्थानों पर आंदोलन के मुद्दे को हल करने के लिए गठित पैनल से नहीं मिले. किसानों के लंबे आंदोलन के कारण आम जनता को "बड़ी कठिनाई" का सामना करना पड़ रहा है. किसानों को सड़कों से हटाने के लिए मनाने के सभी प्रयास किए जा रहे हैं.
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा था कि वह इस समस्या का कोई हल निकाले नोएडा की रहने वाली मोनिका अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. याचिका में कहा गया कि नोएडा से दिल्ली को जोड़ने वाली सड़कें किसान आंदोलन के चलते बंद हैं और इसकी वजह से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इन सड़कों को खोला जाना चाहिए.
हलफनामे में कहा गया है कि किसानों और किसान संगठनों को सहयोग करने के लिए राजी करके इन सड़कों पर यातायात सुचारू ढंग से चलाने के लिए ईमानदारी से प्रयास किए जा रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट में आज इस मामले में सुनवाई होनी है.
हरियाणा सरकार ने अपने हलफनामे में ये भी कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद 10 सितंबर को केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बैठक की गई. बैठक में हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली के मुख्य सचिवों, गृह सचिवों और राज्यों के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने भाग लिया. राज्य सरकार ने कहा कि बैठक में दिल्ली-हरियाणा सीमा के दोनों ओर अंतरराज्यीय और राष्ट्रीय राजमार्गों को साफ करने के प्रयास करने का निर्णय लिया गया.
खट्टर सरकार ने कहा है कि 15 सितंबर को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में एक बैठक के बाद राज्य स्तरीय समिति का गठन किया गया. हरियाणा सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया. इस संबंध में किसानों को 19 सितंबर को सोनीपत के मुरथल में बैठक के लिए बुलाया गया था, जिसमें पुलिस अधिकारी भी शामिल थे, लेकिन इस बैठक के लिए किसान नहीं आए.
बता दें कि पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों पर सवाल उठाए थे. कोर्ट ने कहा था कि अभी तक सड़कें बंद क्यों हैं? सड़क पर ट्रैफिक को इस तरह रोका नहीं जा सकता. सरकार को कोई हल निकालना होगा. सुप्रीम कोर्ट के इस संबंध में कई फैसले हैं. सड़क के रूट इस तरह बंद नहीं हो सकते. किसानों को प्रदर्शन करने का अधिकार है , लेकिन सड़कों पर आवाजाही को नहीं रोका जा सकता. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को दो हफ्ते में हल निकालने को कहा था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें आपसे में सहयोग करें ताकि आम लोग परेशान ना हों. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपको बहुत समय मिल चुका अब कुछ कीजिए.
इससे पहले, यूपी सरकार ने किसानों के विरोध के कारण सड़कों के अवरुद्ध होने पर सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया था. योगी सरकार ने कहा कि सरकार अदालत के आदेशों के तहत सड़कों को जाम करने के घोर अवैध काम पर किसानों को समझाने का प्रयास कर रही है. प्रदर्शनकारियों में अधिकतर बड़ी उम्र के और वृद्ध किसान हैं. यूपी सरकार ने कहा है कि गाजियाबाद / यूपी और दिल्ली के बीच महाराजपुर और हिंडन सड़कों के माध्यम से यातायात की सुचारू आवाजाही की अनुमति देने के लिए डायवर्जन बनाया गया है क्योंकि एनएच 24 अभी भी अवरुद्ध है.
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