त्रिपुरा में 16 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सीपीआईएम के नेतृत्व वाले वाम मोर्चा के घोषणा पत्र में 10323 सरकारी स्कूल शिक्षकों की फिर से नियुक्ति करने, युवाओं के लिए रोजगार और कानून व्यवस्था की बहाली जैसे कुछ प्रमुख वादे हैं.
वाम मोर्चा के संयोजक नारायण कार,सीपीआईएम के राज्य सचिव जितेंद्र चौधरी और अन्य वामपंथी नेताओं की ओर से जारी किए गए चुनावी घोषणा पत्र में भी त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद को अधिकतम संभव स्वायत्तता देने का वादा किया गया है.
जितेंद्र चौधरी ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार संविधान में 125वें संशोधन को लंबित रखे है लेकिन आदिवासियों के कल्याण के लिए बड़े-बड़े वादे कर रही है. इस संशोधन में असम,मेघालय,त्रिपुरा और मिजोरम में जनजातीय आबादी के अधिकारों और उनके सामाजिक आर्थिक विकास की रक्षा के लिए जनजातीय क्षेत्रों के प्रशासन का प्रावधान है.
घोषणा पत्र में अगले पांच वर्षों में सरकारी,अर्ध-सरकारी और निजी क्षेत्रों में कम से कम 2.5 लाख लोगों को नौकरी देने का भी वादा किया गया है. इसमें प्रति परिवार 50 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने, भूमिहीनों को भूमि आवंटन और सरकारी शिक्षण संस्थानों के निजीकरण पर रोक लगाने का वादा भी शामिल है.
घोषणा पत्र में शामिल अन्य 81 वादों में भाजपा सरकार द्वारा नष्ट किए गए लोकतांत्रिक, धार्मिक,राजनीतिक अधिकारों और सामान्य कानून और व्यवस्था की बहाली के अलावा ड्रग्स के खिलाफ संघर्ष व मनरेगा के तहत 200 दिनों के काम को सुनिश्चित करने के प्रयास शामिल हैं.