'मैं हमेशा से औरत थी और हूं', कट्टरता की शिकार इन्स्टाग्राम स्टार जो हैं 'भावी सर्जन'

जब तक गुम्माराजू किशोरी थी, तब तक उसकी आत्म-घृणा - सामाजिक रीति-रिवाजों की वजह से इतनी बढ़ गई थी कि उसने खुद को नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया था लेकिन जब से उसने मेडिकल कॉलेज में दाखिला लिया तो स्थितियां एकदम पलट सी गईं. जो कल तक उसकी बेइज्जती करते थे व ना चाहते हुए भी अब उसका सम्मान करने लगे हैं.

Advertisement
Read Time: 11 mins
मुंबई:

ट्रांसजेंडर एक्टिविस्ट, इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर और सर्जन की ट्रेनिंग ले रही 24 साल की डॉक्टर त्रिनेत्र हलदार गुम्माराजू ने हाल के दिनों में कई हमले झेले हैं लेकिन एक बात जस की तस बनी हुई है. वह कहती हैं,  "मैं हमेशा से महिला थी और मैं हूं." 

कुछ लोगों ने उसे वैसा ही देखा, जैसा वह दिखना चाहती थी. हालांकि, चार साल की उम्र से ही गुम्माराजू को हर बार अपनी माँ की साड़ियां पहनने या हाई हील की सैंडल पहनने या महिला दिखने के लिए कुछ भी पहनने पर धमकाया जाता रहा है और शर्मिंदा किया जाता रहा है.

भारत के शीर्ष मेडिकल शिक्षण अस्पतालों में से एक कर्नाटक के KMC मणिपाल में सर्जन की इंटर्नशिप कर रही गुम्माराजू ने कहा, "मेरे माता-पिता ने मुझे हमेशा एक दोषयुक्त पुरुष के रूप में देखा है." उन्होंने कहा, "उम्र में बड़े लड़कों ने अक्सर छेड़ा, स्कूली शिक्षकों ने कई बार अपमानित किया और एक मनोचिकित्सक ने  परिवार को  "अधिक मर्दाना प्रभावों" से अवगत कराने की सलाह दी."

किसी ने इस संभावना पर विचार ही नहीं किया कि वह ट्रांसजेंडर थी. खुद गुम्माराजू ने भी नहीं. उन्होंने कहा, "मैंने खुद  अपनी लिंग पहचान पर भी सवाल नहीं उठने दिया क्योंकि ट्रांसजेंडर लोगों की इस देश में इतनी नकारात्मक छवि है कि उन्हें डरावना, अपमानजनक, खतरनाक रूप में देखा जाता है."

उन्होंने कहा कि ट्रांसजेंडर समुदाय को बड़े पैमाने पर समाज में हाशिये पर धकेल दिया जाता रहा है, जिसमें कई लोग भीख मांगने या यौन कार्य करने के लिए मजबूर होते हैं. इस तथ्य के बावजूद कि अधिकांश भारतीय हिंदू देवताओं की पूजा करते हैं, जो नियमित रूप से पुरुष से महिला के रूप में आकार बदलते हैं.

जब तक गुम्माराजू किशोरी थी, तब तक उसकी आत्म-घृणा - सामाजिक रीति-रिवाजों की वजह से इतनी बढ़ गई थी कि उसने खुद को नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया था लेकिन जब से उसने मेडिकल कॉलेज में दाखिला लिया तो स्थितियां एकदम पलट सी गईं. जो कल तक उसकी बेइज्जती करते थे व ना चाहते हुए भी अब उसका सम्मान करने लगे हैं.

Advertisement

उन्हें चिकित्सक समुदाय का भी सहयोग मिला. इसके बाद गुम्माराजू लिंगभेद पर अपनी बातें सोशल मीडिया के जरिए साझा करने लगीं. आज इन्स्टाग्राम पर उनके 220,000 से अधिक फॉलोअर्स हैं, लेकिन उनकी शुरुआती पोस्ट ने रूढ़िवादी प्रोफेसरों और कुछ साथी छात्रों को नाराज कर दिया है.
 

Featured Video Of The Day
Ganpati Visarjan Mumbai: गणपति विसर्जन के लिए BMC की क्या हैं खास तैयारियां?
Topics mentioned in this article