बिहार पुलिस ने संदिग्ध आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है. चरमपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़े तीन लोगों को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इस मामले की जानकारी देने के लिए आयोजित किए गए प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पटना के एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने आरएसएस की तुलना पीएफआई से कर दी. उन्होंने कहा, 'जिस तरह आरएसएस की शाखा में शारीरिक प्रशिक्षण दिया जाता है, वैसे ही पीएफआई में भी फीजिकल ट्रेनिंग दी जा रही थी.'
एसएसपी ने कहा कि जिस तरह आरएसएस अपनी शाखा का आयोजन करते हैं जिसमें लाठी चलाने की ट्रेनिंग दी जाती है, वैसे ही पीएफआई शारीरिक प्रशिक्षण के नाम पर युवाओं को ट्रेनिंग दे रहे थे और अपने एजेंडा और प्रोपगैंडा के तहत युवाओं का ब्रेनवॉश कर रहे थे.
वहीं पटना एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने बताया कि ये सभी भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की कार्ययोजना पर भी काम कर रहे थे. इनके पास से कई आपत्तिजनक दस्तावेज मिले हैं.
इधर बीजेपी ने एसएसपी के इस बयान के बाद हमला तेज कर दिया है. बीजेपी विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने कहा कि ये बयान एसएसपी के मानसिक दिवालियापन को दिखाता है. उन्होंने एसएसपी से मांफी की मांग की है, नहीं तो सरकार की तरफ से कार्रवाई की बात कही है.
वहीं बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने भी एसएसपी से बयान वापस लेने और मांफी की मांग की है.
पटना एसएसपी के इस बयान का हम पार्टी ने बचाव किया है.
एसएसपी ने बताया कि इस संगठन को हमलोग काफी समय से फॉलो कर रहे थे. हमारे अलावा कई और सुरक्षा एजेंसियों के पास इनको लेकर इनपुट थे. प्रधानमंत्री के दौरे को लेकर भी हमें कई इनपुट मिले थे, जिनके आधार पर हमने छापेमारी की और इन लोगों के गिरफ्तार किया. उन्होंने कहा कि हमारी सोशल मीडिया भी मॉनिटरिंग टीम इस पर नजर बनाए हुई थी.
एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने बताया कि हमें पता चला कि 6 और 7 जुलाई के बीच में 10 से 12 लोग तमिलनाडु और केरल से यहां आए हैं, जिन्हें शारीरिक प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इसी आधार पर हमने छापेमारी की जिसमें ये लोग गिरफ्तार किए गए. वहां कई कागजात भी मिले जिसमें भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की बात थी.
उन्होंने बताया कि फुलवारी थाने में इसको लेकर एफआईआर दर्ज की गई है. इसमें से एक आरोपी का भाई सिमी का एक्टिव सदस्य था, जो बैन किया जा चुका है. वो जेल भी जा चुका है. एसएसपी ने बताया कि हमें कुछ ऐसे भी डॉक्यूमेंट मिले हैं, जिसमें भारत की संप्रभुता और अखंडता के विरुद्ध भी कई बातें लिखी गई थी.