"मैंने लोगों की सेवा की है": TMC सांसद ने संदेशखाली विवाद पर तोड़ी चुप्पी

Sandeshkhali Violence: नुसरत जहां ने कहा कि एक महिला के रूप में, एक जन प्रतिनिधि के रूप में, मैंने हमेशा अपनी पार्टियों के दिशानिर्देशों का पालन किया है और लोगों की सेवा की है.

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Nusrat Jahan:टीएमसी सांसद ने कहा कि सुख दुख में मैंने जनता का साथ दिया है
नई दिल्ली:

संदेशखाली मुद्दे पर विपक्षी दलों की तरफ से आलोचना झेल रहीं टीएमसी सांसद नुसरत जहां (Nusrat Jahan) ने अपनी चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने कहा है कि उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र में वास्तव में लोगों की सेवा की है. और पार्टी के दिशानिर्देशों का पालन किया है. बशीरहाट से तृणमूल सांसद ने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वीप पर शांति सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही हैं. नुसरत जहां ने एक्स पर पोस्ट कर यह टिप्पणी की. उन्होंने एक अखबार की रिपोर्ट का कटआउट भी साझा किया, जिसमें संदेशखाली निवासियों के हवाले से कहा गया था कि वह उन्हें भूल गई हैं. सांसद ने लिखा कि शांति स्थापित करने के लिए एक साथ आने की जरूरत है. 

नुसरत जहां ने कहा कि एक महिला के रूप में, एक जन प्रतिनिधि के रूप में, मैंने हमेशा अपनी पार्टियों के दिशानिर्देशों का पालन किया है और लोगों की सेवा की है. संदेशखाली घटना के उग्र होने पर, हमारे माननीय मुख्यमंत्री ने पहले ही मदद भेज दी है.. और लोगों के कल्याण के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं. हम कानून से ऊपर नहीं हैं.. इसलिए इसका पालन करना और प्रशासन का समर्थन करना ही जरूरी है. 

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सुख दुख में मैंने जनता का साथ दिया है: नुसरत जहां
मैंने खुशी के समय, मुसीबत के समय में अपने निर्वाचन क्षेत्र में लोगों की सच्ची सेवा की है.. मैं अपनी पार्टी के दिशानिर्देशों के अनुसार कार्य करता हूं.. और मेरा मानना ​​है कि हमें राज्य सरकार और प्रशासन पर भरोसा रखना चाहिए, क्या गलत है सदैव निंदा की जाएगी. हमें एक-दूसरे को निशाना बनाने से बचना चाहिए और शांति बनाने में मदद करने के लिए एक साथ आना चाहिए न कि हंगामा करना चाहिए. लोगों की सुरक्षा और कल्याण हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. बाकी कौन किसके बारे में क्या कहता है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. जैसा मैंने पहले कहा. मैं फिर से दोहराऊंगी "राजनीतिकरण बंद करो."

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समाचार पत्र में क्या लिखा गया है?
नुसरत जहां ने जिस समाचार रिपोर्ट को साझा किया है उसमें निवासियों के हवाले से कहा गया है कि जहान ने निर्वाचित होने के बाद एक बार भी द्वीप का दौरा नहीं किया. वह एकमात्र बार 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले चुनाव प्रचार के दौरान वहां पहुंची थी. वह प्रचार वाहन जिसमें उन्होंने द्वीप का दौरा किया था, वह स्थानीय तृणमूल नेता शेख शाहजहां का था, जो संदेशखाली में बड़े पैमाने पर विवाद के केंद्र में है.  

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स्थानीय महिलाओं ने क्या कहा?
रिपोर्ट में स्थानीय महिलाओं के हवाले से कहा गया है कि भले ही सांसद दौरे पर नहीं आती हैं, लेकिन द्वीप के निवासी सिनेमा हॉल में उनकी फिल्में देखने के लिए 40 किमी या उससे अधिक की यात्रा जरूर करते हैं. रिपोर्ट में एक महिला के हवाले से कहा गया है, "हमने यहां आने के लिए उनसे आग्रह किया था. उन्होंने  हमें विश्वास दिया था कि वो आएंगी. इसलिए हमने उनका इंतजार किया, लेकिन वो अपनी बात नहीं रहीं. 

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गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल का संदेशखाली राष्‍ट्रीय सुर्खियों में बना हुआ है, ये मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है. संदेशखाली की स्थिति ने सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों के बीच वाकयुद्ध छेड़ दिया. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने संदेशखाली में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार का आरोप लगाया है और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा पर क्षेत्र का माहौल बिगाड़ने का आरोप लगाया है. संदेशखाली में 10 दिनों से अधिक समय से अशांति का माहौल है, क्योंकि महिला प्रदर्शनकारी टीएमसी नेता शेख शाहजहां और उनके सहयोगियों द्वारा किए गए कथित अत्याचारों के खिलाफ न्याय की मांग कर रही हैं. 

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