TMC सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) ने रिश्वत लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले में दो पेज का बयान जारी कर कारोबारी दर्शन हीरानंदानी (Darshan Hiranandani) का शपथपत्र का खंडन किया है. महुआ मोइत्रा ने टि्वटर पर बयान जारी कर कहा है कि कारोबारी हीरानंदानी की "कनपटी पर बंदूक" रखकर एक सफेद कागज पर जबरन हस्ताक्षर करवाए गए हैं. महुआ मोइत्रा ने X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किए गए बयान में कहा, "दर्शन हीरानंदानी को अभी तक सीबीआई या एथिक्स कमेटी या किसी भी जांच एजेंसी ने तलब नहीं किया है. फिर उन्होंने यह हलफनामा किसे दिया है."
यह सवाल करते हुए कि क्या यह वास्तव में दर्शन हीरानंदानी का हलफनामा है, मोइत्रा ने कहा कि यह एफिडेविट ना तो ऑफिशियल लेटरहेड पर है और ना ही नोटरी की मुहर है. साथ ही उन्होंने कहा कि ना ही ये सोशल मीडिया पर पोस्ट किया गया, बल्कि इसे "चुनिंदा मीडिया हाउस को लीक किया गया."
कारोबारी दर्शन हीरानंदानी ने गुरुवार को खुद एक शपथपत्र में कबूल किया कि महुआ मोइत्रा पर रिश्वत लेकर संसद में सवाल पूछने के आरोप बिल्कुल सही हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि महुआ मोइत्रा ने ही अपने संसद अकाउंट के लॉगिन-पासवर्ड शेयर किए थे. शपथपत्र के मुताबिक, "मैंने अदाणी ग्रुप को टारगेट करने के लिए सवाल भेजे थे. और अपुष्ट जानकारियों के आधार पर मैं महुआ के संसद अकाउंट पर सवाल पोस्ट करता रहा."
साथ ही हीरानंदानी ने कबूल किया है कि PM मोदी-अदाणी को टारगेट करने के लिए महुआ लगातार कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के भी संपर्क में थीं.हलफनामा में यह भी बताया गया है कि महुआ मोइत्रा की मदद शशि थरूर, पिनाकी मिश्रा, सुचेता दलाल, शार्दूल श्रॉफ और पल्लवी श्रॉफ कर रहे थे. उनके मुताबिक, FT, NYT और BBC से जैसे विदेशी मीडिया संस्थानों से जुड़े पत्रकारों से भी महुआ मोइत्रा ने मदद ली थी.
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