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- हुमायूं कबीर ने मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद का शिलान्यास करने और तीन साल में निर्माण पूरा करने की घोषणा की है
- इस घोषणा के बाद बीजेपी, कांग्रेस, हिंदू संगठनों और मुस्लिम समुदाय के कई नेताओं ने हुमायूं कबीर की निंदा की है
- बिहार, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ के कई राजनेताओं ने बाबरी मस्जिद निर्माण की योजना को हिंदू और देशविरोधी बताया
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हमें बताएं।बाबरी मस्जिद को लेकर इतिहास में बहुत कुछ हुआ है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मैटर समाप्त हो चुका है. मगर कुछ लोग इस पर अपनी राजनीति को जिंदा रखने की कोशिश में आज भी लगे हुए हैं. ऐसे ही एक शख्स हैं पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) विधायक हुमायूं कबीर. उनके ऐलान के बाद राजनीतिक घमासान मचा है. हुमायूं कबीर ने कहा है कि वो मुर्शिदाबाद में 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद का शिलान्यास करेंगे. बाबरी मस्जिद के निर्माण को तीन साल में पूरा कर लिया जाएगा. इस ऐलान के बाद बीजेपी और कांग्रेस के साथ-साथ हिंदू संगठन और ज्यादातर मुस्लिम भी टीएमसी पर हमलावर हैं.
पढ़िए अब तक क्या बयान आए
- बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि टीएमसी हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का काम करती है. ममता बनर्जी हमेशा इस देश को कमजोर करने वाले घुसपैठियों और उनके समर्थकों के वोट पर आश्रित रहती हैं. ये लोग हमेशा वही काम करते हैं, जिससे हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचे, लेकिन पश्चिम बंगाल की जनता घुसपैठियों का समर्थन करने वाले और हिंदुओं की भावनाओं से खिलवाड़ करने वाले लोगों के साथ खड़ी नहीं होगी. इस तरह के सारे बयान केवल समाज विशेष का वोट लेने के लिए किए जा रहे हैं.
- बीजेपी के राज्यसभा सांसद भीम सिंह ने कहा, 'विनाश काले विपरीत बुद्धि.'भीम सिंह ने आगे कहा कि ऐसे ही हथकंडे अपनाने के चलते बिहार में महागठबंधन का ये हश्र हुआ है. ऐसा करके टीएमसी अपनी ही कब्र खोद रही है. बंगाल में टीएमसी का वही हाल होगा जो बिहार में महागठबंधन का हुआ. इस तुष्टीकरण से मुसलमानों का भला होने वाला नहीं है. मुस्लिम समुदाय को इस मामले में आगे आने की जरूरत है.
- यूपी के लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने कहा कि टीएमसी पश्चिम बंगाल में अंतिम सांसें गिन रही है और यही वजह है कि अब उसने मस्जिद बनाने का ऐलान किया है. गुर्जर ने कहा कि यह भगवान श्रीराम का देश है, यहां बाबर के नाम पर जो मस्जिद बनाने का काम करेगा, उसे मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा. जिस भाषा में चाहेगा, हम उसी भाषा में जवाब देने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि विधायक को अपने पद की गरिमा का ध्यान रखना चाहिए. लोनी विधायक ने सवालिया लहजे में कहा बाबरी मस्जिद थी ही नहीं, वहां भगवान राम का भव्य मंदिर था. एक जिहादी ने ऊपर का हिस्सा तोड़कर गुम्बद बना लिया था. सुप्रीम कोर्ट ने भी साबित कर दिया है कि वहां मंदिर था और आज वहां भव्य व दिव्य मंदिर बना है. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में टीएमसी का सूपड़ा साफ हो जाएगा.
- कांग्रेस नेता हुसैन दलवई ने कहा, "मेरे ख्याल से बार-बार इस पर सवाल उठाना बिल्कुल गलत बात है. 1992 में जिस तरह से बाबरी मस्जिद शहीद की गई थी, वो बिल्कुल गलत था. अब फिर गड़े हुए मुद्दे को निकालना और सिर्फ वोट के लिए ऐसी बयानबाजी करना बिल्कुल गलत है. देश संविधान से चलता है, इसलिए कोई मजहबी बात नहीं करनी चाहिए. सरकार में शामिल नेताओं को ऐसे बयान नहीं देने चाहिए. अगर पश्चिम बंगाल की सरकार इस पर बयान देकर लोगों का वोट लेना चाहती है, तो यह बिल्कुल गलत बात है. मस्जिद, मंदिर, चर्च और गुरुद्वारे का काम लोग करेंगे. लोग धार्मिक होते हैं, लेकिन सरकार सेक्युलर होती है. सरकार को सेक्युलर तरीके से ही चलना चाहिए. ऐसे बयान देकर मुसलमानों को नहीं भड़काना चाहिए. सरकार को मुसलमानों के लिए कुछ करना है तो वो उनके बच्चों को शिक्षा दें, उन्हें नौकरी दें. व्यापार करने के लिए जगह और कैपिटल देना चाहिए. वेलफेयर की बात करने के बजाए जज्बात की बात नहीं करनी चाहिए. हमेशा मुसलमानों को उकसाना बिल्कुल गलत बात है."
- विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "मंदिर वहीं, मस्जिद नहीं, और बाबरी कहीं नहीं. टीएमसी के विधायक व राज्य के पूर्व मंत्री हुमायूं कबीर ने आगामी 6 दिसंबर को विदेशी आक्रांता बाबर के नाम पर एक मस्जिद की नींव रखने की घोषणा की है. दूसरी ओर, टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने उसी दिन धूल धूसरित बाबरी पर 33 वर्ष बाद घड़ियाली आंसू बहाने का मन बनाया है. इतने वर्ष तक उन्होंने बाबरी को फ्रीजर में बंद कर रखा था! अब वे बाबरी के जिन्न को बाहर निकालकर अपने जिहादी वोट बैंक को तराशने का कुत्सित प्रयास करेंगी. टीएमसी के इन दो नेताओं के बीच में राजनैतिक तनातनी और जिहादी वोट बैंक के प्रति रस्साकसी कोई नई बात नहीं है. किंतु, हुमायूं का तो बाप ही बाबर था! हो सकता है क्रूर शासक की भटकती आत्मा इस हुमायूं के शरीर में प्रवेश कर गई हो और उसने ही बाबरी का डर विधायक के मन में बिठा दिया हो! किंतु, ममता दीदी का बाबर या बाबरी से क्या रिश्ता है? कृपया स्पष्ट करें. स्मरण रहे कि 90 के दशक में संपूर्ण विश्व के हिंदू समाज का एक ही नारा था, 'मंदिर वहीं, मस्जिद नहीं, और बाबरी कहीं नहीं,' अर्थात बाबर के नाम पर भारत माता के पवित्र भू-भाग पर हम कहीं भी कोई नई मस्जिद नहीं बनने देंगे. ऐसे में इस प्रकार का भारत विरोधी षड्यंत्र पूरी तरह से अस्वीकार्य है."
- ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के प्रेसिडेंट मौलाना साजिद रशीदी ने कहा कि देश में चाहे सैकड़ों मस्जिद बन जाएं पर अयोध्या की मस्जिद की हैसियत खत्म नहीं होगी. मौलाना साजिद रशीदी ने कहा, "मस्जिद जहां पर एक बार बन जाती है, वह कयामत तक मस्जिद रहती है. बाबरी मस्जिद के नाम पर अगर हिंदुस्तान में सैकड़ों मस्जिद बन जाएं, तो उसके बावजूद भी अयोध्या में जो मस्जिद है, उसकी हैसियत कभी खत्म नहीं होगी. यही कारण है कि सरकार बाबरी मस्जिद के नाम पर जो जमीन देना चाहती थी, उसे मुसलमानों ने नहीं अपनाया. यूपी वक्फ बोर्ड ने जमीन को अपनाया पर मुसलमानों ने नहीं अपनाया."
- केंद्रीय राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने कहा कि हुमायूं कबीर जैसे लोग हिंदुओं को डराने और धमकाने की कोशिश कर रहे हैं. केंद्रीय राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यह मैसेज बंगाल के हिंदुओं को समझना चाहिए. हुमायूं कबीर जैसे लोग हिंदुओं को डराने और धमकाने की कोशिश कर रहे हैं. इन लोगों को ममता बनर्जी का पूरा सपोर्ट है. वे बंगाल में मौजूद भाईचारे के माहौल को नुकसान पहुंचाने और खत्म करने की तैयारी कर रहे हैं. यह पहली बार नहीं है. इससे पहले भी हुमायूं कबीर ने कहा था कि मुर्शिदाबाद में 70 प्रतिशत मुस्लिम और 30 प्रतिशत हिंदू रहते हैं, मुस्लिम चाहें तो हिंदुओं को भागीरथी या मां गंगा के पानी में कभी भी फेंक सकते हैं. यह बंगाल के हिंदुओं को समझना होगा, नहीं तो आने वाले समय में हर मंदिर की जगह बाबरी मस्जिद बनेगा.
- उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, "बाबर विदेशी आक्रांता था, जिसने भगवान राम के जन्मस्थान पर असली राम मंदिर को तोड़कर वहां एक ढांचा खड़ा किया था."
- टीएमसी, कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और राजद को हिंदू-विरोधी और राम-विरोधी विरोधी पार्टी बताते हुए केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, "बाबर के नाम पर समर्थन करना गलत है. वह ढांचा 6 दिसंबर 1992 को राम-भक्त कारसेवकों ने गिराया था. उस बाबर के नाम पर भारत में एक भी ईंट नहीं रखने दी जाएगी."
- छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने भी टीएमसी विधायक के बयान पर प्रतिक्रिया दी. पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, "सनातनी परंपराएं हों, देश के मानबिंदु हों या देश का गौरवगान हो, टीएमसी सभी को समाप्त करना चाहती है. देश के बहुसंख्यक समाज को भी दबाने की कोशिश कर रहे हैं."
- अयोध्या के संतों ने भी टीएमसी विधायक के बयान का विरोध किया. करपात्री महाराज ने हुमायूं कबीर को जवाब देते हुए कहा, "भारत में कहीं भी बाबर के नाम पर कोई मस्जिद नहीं बनेगी. यह बात पक्की है." महामंडलेश्वर विष्णु दास ने कहा, "टीएमसी विधायक भारत में रहते हुए भी किसी न किसी तरह से कोर्ट, संविधान और कानून के लिए बड़ी चुनौती खड़ी कर रहे हैं. जब उन्हें बाबरी मस्जिद के लिए पांच एकड़ जमीन दी गई है, तो वे ऐसे काम कर रहे हैं जिससे एक संस्कृति और सनातन धर्म के मानने वालों की आस्था को ठेस पहुंच रही है."
- जगद्गुरु परमहंस आचार्य ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि मुगल आक्रांताओं के नाम से अगर कहीं भी कोई ईंट रखी गई तो उस व्यक्ति को जिंदा नहीं छोड़ा जाएगा. इसे सुझाव या धमकी कुछ भी समझ सकते हैं. आचार्य ने कहा, "जब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के साथ विवाद खत्म हो गया तो फिर यह किसकी औकात है कि वे कोर्ट के खिलाफ चला जाएगा. फिर भी बाबर के नाम पर भारत में कहीं भी और कोई भी दुस्साहस करेगा, ईंट रखने की कोशिश करेगा, उसकी मौत निश्चित होगी."
- अयोध्या मामले में पैरोकार रहे इकबाल अंसारी ने भी आपत्ति जताते हुए कहा कि मंदिर-मस्जिद राजनीति के लिए हैं. इकबाल अंसारी ने कहा, "अयोध्या के विषय पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया था, जिसका सभी मुसलमानों ने सम्मान किया. कोर्ट ने मस्जिद के लिए भी जमीन दी थी. इसलिए मस्जिद के नाम पर लोगों को राजनीति करने की जरूरत नहीं है." उन्होंने यह भी कहा कि बहुत चीजों को लोग भूल जाते हैं, लेकिन नेता राजनीति के लिए ऐसे विषयों को भुनाने की कोशिश करते रहते हैं. इकबाल अंसारी ने कहा, "हमारा मानना है कि मंदिर-मस्जिद और धर्म-जात की राजनीति देश के लिए सही नहीं है. देश के प्रति वफादारी होनी चाहिए. भाई-चारा होना चाहिए."
- वहीं, हुमायूं कबीर के 'बाबरी मस्जिद' वाले बयान पर ज्ञानवापी मामले में याचिकाकर्ता सोहनलाल आर्य ने भी कड़ा विरोध किया. उन्होंने कहा, "बंगाल में बाबरी मस्जिद बनाने का ऐलान गलत है. ममता बनर्जी के आदेश के बिना बंगाल में इतना बड़ा ऐलान नहीं किया जा सकता है." उन्होंने कहा, "मस्जिद बनाए जाने से आपत्ति नहीं है, लेकिन यह 'बाबरी मस्जिद' के नाम से नहीं बनाई जानी चाहिए. वीर अब्दुल हमीद और तमाम राष्ट्रवादी मुसलमानों के नाम पर मस्जिद बनाएं, इससे किसी को कोई आपत्ति नहीं होगी. आक्रांता के नाम पर मस्जिद के निर्माण का हम विरोध करेंगे."
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