- मध्यप्रदेश के माधव टाइगर रिजर्व की रेडियो कॉलर पहने बाघिन MT-1 कई महीनों से लापता है.
- STF ने अंतरराज्यीय शिकारी गैंग के सदस्य सौजीराम मोंगिया को गिरफ्तार किया है.
- NDTV के पास शिकारी का कबूलनामा है कि उसी ने जहर देकर बाघिन की हत्या की थी.
यह किसी थ्रिलर फिल्म की कहानी नहीं है. यह मध्यप्रदेश के जंगलों से निकलती एक खौफनाक हकीकत है. इसमें शिकार है, साजिश है, और एक रेडियो कॉलर पहने बाघिन के गायब होने की कहानी है. बाघिन का नाम MT-1 है. शिवपुरी के माधव टाइगर रिज़र्व की यह बाघिन अब लापता है. वन विभाग कहता है- “हमें कुछ नहीं पता.”
NDTV के पास शिकारी का कबूलनामा
लेकिन NDTV के पास एक शिकारी का एक वीडियो है. कोर्ट के बाहर कैमरे के सामने उसका कबूलनामा. उसके चेहरे पर शिकन नहीं थी. वह कहता है- "हां मैंने ही जहर देकर मारा था." इस शख्स का नाम सौजीराम मोंगिया है. मध्यप्रदेश की स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स ने उसे एक अंतरराज्यीय शिकारी गैंग के साथ गिरफ्तार किया है.
रेडियो कॉलर पहने बाघिन थी MT-1
MT-1 कोई आम बाघिन नहीं थी. उसे सैटेलाइट रेडियो कॉलर पहनाया हुआ था. उसकी हर हरकत पर नज़र रखी जाती थी, कम से कम जनता को यही बताया गया था. लेकिन अब वह कहां है? इसका विभाग के पास कोई जवाब नहीं है. न उसकी कोई लोकेशन है और न कोई अफसोस.
रिश्तेदार ने जुर्म कबूला, बेटे का इनकार
इस पूरे मामले की शुरुआत दाउजी भील की गिरफ्तारी से हुई. पूछताछ में उसने बताया कि उसके समधी सौजीराम मोंगिया ने बाघिन को मार दिया. STF ने सौजीराम को शिवपुरी के पटेल चौक से धर दबोचा. कोर्ट ले जाया गया और वहीं NDTV के कैमरे पर वह बोल पड़ा- हां, मैंने ही मारा.
लेकिन इस कहानी का दूसरा पहलू भी है. सौजीराम के बेटे जय सिंह मोंगिया का दावा है कि उसके पिता को फंसाया गया है. उसने आरोप लगाया कि दाउजी ने जानबूझकर उन्हें घसीटा है. दावा किया कि सौजीराम खुद वारंट मिलने के बाद कोलारस वन विभाग के सामने पेश हुआ था.
मुख्य वन संरक्षक की चुप्पी
इस पूरे मामले में सबसे ज़्यादा चुप्पी उस विभाग ने लगा रखी है, जो MT-1 की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार था. जब NDTV ने माधव टाइगर रिज़र्व के मुख्य वन संरक्षक उत्तम शर्मा से पूछा तो उन्होंने कहा कि STF की कार्रवाई की उन्हें कोई जानकारी नहीं है. शिकारी के बयान की कोई पुष्टि नहीं है. उनके पास ऐसे कोई सबूत नहीं मिले हैं. रेडियो कॉलर को ट्रैक न कर पाने की वजह बताते हुए शर्मा का कहना था कि बैटरी खत्म हो गई थी. उन्होंने बताया कि कॉलर 10 मार्च 2023 को लगाया गया था. वह गर्मियों में बंद हो गया था. उसके बाद से ट्रैकिंग नहीं हो पा रही थी.
STF ने छह आरोपी गिरफ्तार किए
जंगल में चल रहे इस शिकारी नेटवर्क की तस्वीर उस वक्त और साफ हुई, जब STF ने एक ही ऑपरेशन में छह और लोगों को गिरफ्तार किया. इनके नाम दाउजी भील, राजा भील, सुनीता बाई, बनिराम भील, नरेश भील और राजू भील बताए गए हैं. इनके पास से 225 वन्यजीवों की हड्डियों और अंगों समेत काफी कुछ बरामद हुआ है. राजा भील की अग्रिम ज़मानत याचिका 26 जुलाई को खारिज हो गई थी. सभी आरोपी अब शिवपुरी सेंट्रल जेल में हैं.
विधायक का दावा, डैम के पास हुआ शिकार
शिवपुरी से बीजेपी विधायक देवेंद्र जैन भी खुलकर दावा कर रहे हैं कि MT-1 का शिकार नरवर की अटल सागर डैम के पास हुआ था. उन्होंने अपनी ही सरकार से पूछा है कि अगर शिकार नहीं हुआ तो बताइए बाघिन कहां है? लेकिन सरकार और पार्क प्रबंधन की जुबान सिल गई है.
वन्यजीव कार्यकर्ता की पहल पर खुलासा
वन्यजीव कार्यकर्ता अजय दुबे का भी आरोप है कि 4 जून की कार्रवाई को वन विभाग ने छिपाकर रखा. जब उन्होंने NTCA को पत्र लिखा, तब जाकर 27 जून को जानकारी सार्वजनिक की गई. दुबे कहते हैं कि हमारे पास ठोस जानकारी है.
बहरहाल, एक शिकारी खुलेआम हत्या की बात कबूल कर रहा है. एक विधायक सरकार से जवाब मांग रहा है. एक कार्यकर्ता विभाग पर पर्देदारी का आरोप लगा रहा है. और एक बाघिन, जो कभी शिवपुरी के जंगलों की शान थी, अब गायब है.