कांग्रेस ने असम में राज्यसभा की एक सीट बीजेपी के हाथों गंवा दी है. संसद के उच्च सदन की दो सीटों के लिए गुरुवार को वोटिंग हुई थी. एक अन्य सीट पर बीजेपी ने निर्विरोध जीत हासिल की है. दरअसल, कांग्रेस की अगुवाई वाले विपक्ष के उम्मीदवार की वोटों की गिनती कम हो गई क्योंकि कांग्रेस ने अपने एक विधायक को बैलेट पेपर पर '1' के बजाय 'एक' लिखने पर कथित तौर पर वोट को बरबाद करने का आरोप लगाते हुए निलंबित कर दिया. कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री सिद्दीक अहमद के निलंबन का असर इसी पार्टी के रिपन बोरा की 'संभावनाओं' पर पड़ा है. कांग्रेस की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है, 'सिद्दीक ने इरादतन तीन लाइन के व्हिप का उल्लंघन किया.' असम की दो राज्यसभा सीटों के लिए आज मतदान हुआ. पहली सीट पर बीजेपी के प्रत्याशी पबित्रा मार्गेरिटा निर्विरोध जीतीं. दूसरी सीट को लेकर संघर्ष था यहां विपक्ष के प्रत्याशी रिपन बोरा थे जबकि बीजेपी अपने सहयोगी UPPL के प्रत्याशी रंगवरा नारजेरी (Rwngwra Narzary) का समर्थन कर रही थी. ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमाक्रेटिक फ्रंट भी बोरा के समर्थन में था. इस सीट पर जीत के लिए किसी भी प्रत्याशी को 43 वोट की जरूरत थी .
राज्य विधानसभा के कुल 126 में से बीजेपी और इसके सहयेागियों के पास 83 वोट हैं. यह संख्या पबित्रा के चुने जाने के लिहाज से पर्याप्त हैं लेकिन रंगवरा नारजेरी के लिहाज से तीन वोट कम थे. दूसरी ओर विपक्ष के पास 44 वोट थे लेकिन एक कांग्रेस विधायक के कथित तौर पर वोट बरबाद करने के कारण एक वोट कम हो गया. रिपोर्टों में दावा किया गया है कि सीएम हिमांता बिस्व सरमा, जिन्होंने कांग्रेस में रहने के बाद 2015 में बीजेपी ज्वॉइन की है, ने कुछ कांग्रेस विधायकों का क्रॉस वोटिंग करने को कहा था. बीजेपी का दावा है कि कम से कम सात कांग्रेस विधायकों ने सत्ताधारी पार्टी के उम्मीदवार की 'मदद' की.
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