उत्तर प्रदेश बीजेपी (BJP) में भगदड़ जारी है. योगी मंत्रिपरिषद के तीसरे मंत्री धर्म सिंह सैनी गुरुवार को इस्तीफा देकर समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए. इस तरह तीन दिन में अब तक भाजपा के तीन मंत्रियों और सात विधायक इस्तीफे दे चुके हैं. लेकिन पार्टी का कहना है कि ज्यादातर वो लोग पार्टी छोड़ रहे हैं जिनके टिकट कटने वाले हैं. धर्म सिंह सैनी वेस्टर्न यूपी के सहारनपुर की नकुड़ सीट से विधायक हैं और वो पिछड़ी जाति से आते हैं. सैनी 2002, 2007 और 2012 में बसपा से चुने गए थे. वो साल 2017 में भाजपा के टिकट पर जीते थे. सैनी ने 2012 और 2017 में कांग्रेस के इमरान मसूद को हराया था. सैनी बसपा और भाजपा दोनों सरकारों में मंत्री बने. बता दें, सैनी ने भी अपने इस्तीफे की वजह स्वामी प्रसाद मौर्य की तरह ही दलितों, पिछड़ों, किसानों की उपेक्षा बताया है.
हाल ही में बाजेपी छोड़ने वाले नेता, स्वामी प्रसाद मौर्य का दावा है कि आने वाले दिनों में बड़ी तादाद में बीजेपी मंत्री और विधायक पार्टी छोड़ देंगे. योगी सरकार के पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा -"मैं ऐसी बल्लेबाजी करुंगा, ऐसी बल्लेबाजी करुंगा की भारतीय जनता पार्टी के बड़े-बड़े दिग्गज सबको जीरो पर आउट कर के उनको उत्तर प्रदेश से बाहर करने का काम करूंगा.''
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गौरतलब है, पिछले तीन दिनों में बीजेपी के तीन मंत्रियों और 7 विधायकों ने बीजेपी छोड़ दी है. पहले 11 जनवरी को मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य, विधायक भगवती सागर, विधायक रोशन लाल वर्मा और विधायक बृजेश प्रजापति, 12 जनवरी को, मंत्री दारा सिंह चौहान और विधायक अवतार सिंह भड़ाना, 13 जनवरी को मंत्री धर्म सिंह सैनी, विधायक विनय शाक्य, विधायक मुकेश वर्मा और विधायक बाला अवस्थी शामिल हैं.
समाजवादी पार्टी सुप्रीमों अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने उनके साथ अपनी फोटो ट्वीट कर लिखा, "सामाजिक न्याय के एक और योद्धा धर्म सिंह सैनी जी के समाजवादी पार्टी में आने से उसका मेल-मिलाप-मिलान करने वाली हमारी सकारात्मक और प्रगतिशील राजनीति को और भी बल मिला है. सपा में उनका सम्मान हार्दिक स्वागत और अभिनंदन! साल 2022 में समावेशी सौहार्द की जीत निश्चित है."
सबसे पहले भाजपा छोड़ने वाले मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य दल-बदल का केंद्र है. सुबह से ही समाजवादी पार्टी के ऑफिस में तमाम तरह के असंतुष्टों की भीड़ लग जाती है. औरैया के विधुमना से विधायक विनय शाक्य भी आज यहां आये. साथ ही बंदा की तिंदवारी सीट के बृजेश प्रजापति भी यहां पहुंचे. लेकिन गुरुवार को सबसे पहले इस्तीफा देने सामने आए फिरोजाबाद की शिकोहाबाद सीट से बीजेपी विधायक मुकेश वर्मा. बीजेपी के पूर्व विधायक मुकेश वर्मा ने योगी पर तंज करते हुए कहा, "ये बाबा नहीं बवाल हैं. ये भाजपा के काल हैं. दलितों के साथ, पिछड़ों के साथ, शोषितों के साथ जो उनका हक था, जो उनको मिलना चाहिये था. जो केवल और केवल उनका था, उन्हें कुछ नहीं दिया, कुछ भी नहीं दिया."
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दरअसल भाजपा ने अपने विधायकों की जीतने की संभावना पर तीन तीन सर्वेक्षण करवाए हैं. इनमें प्रदेश बीजेपी के अलावा केंद्रीय बीजेपी के सर्वे भी हैं. पार्टी पहले 150 विधायकों के टिकट काटने वाली थी. लेकिन नए हालत में 30 से 50 विधायकों के टिकट ही कटने की उम्मीद है.
इस घटनाक्रम पर वरिष्ठ पत्रकार बृजेश शुक्ला ने कहा, "कुछ ऐसे लोग भी भगदड़ में जा रहे हैं जो अपने-अपने क्षेत्रों में बहुत अलोकप्रिय हो गये हैं. और उन्हें मालूम हो चुका है कि बीजेपी उन्हें टिकट नहीं देने जा रही है. केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हें कह भी दिया है कि आप तलाश लीजिये अपनी जगह. तो वो लोग भी जा रहे हैं. लेकिन यदि इतने लोगों को समाजवादी पार्टी टिकट देगी तो निश्चित ही उसका भी नुकसान होगा.